कौर्वकी तीसरे मौर्य सम्राट अशोक की "दूसरी रानी सहकारिणी" थीं।[1]वह अशोक के चौथे पुत्र, राजकुमार तीवर की मां थीं। रानी कौर्वकि कलिंगवासी उड़ीसा की थीं जो बाद में सम्राट अशोक की दुसरी पत्नी बनीं। अशोक के लघु शिलालेखों में से एक रानी शिलालेख से वह अमर हो गयीं।[2]
जीवन
प्रयाग स्तंभलेख मे कौरवाकी के धार्मिक और दानी दानों गुणों की प्रशंसा किया गया है। इससे प्रकट होता है कि वह एक आत्मनिर्भर और दृढ़-इच्छाशक्ति सम्राज्ञी थीं, जिन्होंने एक परोपकार की क्रिया को विशेष रूप से अपने नाम से दर्ज करना चाहा और अभिलेख लिखवा दिया।[3] रानी के प्रेरणाप्रद उपहार के संदर्भ में भी उन्हें उल्लेख किया गया है।[4]
देवानंपियस वचनेना सवत महमता
वतविया ए हेता दुतियाये देवीये दाने
अंबा-वडिका वा आलमे व दान-गहे व एवा पि अंने
कोछि गनीयति ताये देविये षे [।] नानि हे वं ग न तविये
अनुवाद : देवानांप्रिय के वचन (अर्थात् आज्ञा) से महामात्रों को सर्वत्र कहना चाहिए, ये जो द्वितीय देवी के दान हैं जैसे आम्रवाटिका, विश्रामगृह, दानगृह अथवा अन्य, ये सब देवी के नाम में गिने जाने चाहिए (अर्थात् पञ्जीकृत होने चाहिए)। द्वितीय देवी तीवर की माता कारुवाकी की ऐसी इच्छा है।
राधाकुमुद मुखर्जी के अनुसार राजकूमार तिवर के नाम का अर्थ तीन वर है अर्थात् बुद्ध धम्म और संघ।[6] यह सम्राट अशोक का ज्येष्ठ पुत्र था, जो जीवित रहने पर उसके बाद भारतीय साम्राज्य सिंहासन का अधिकारी होता। पर ऐसा जान पड़ता है कि सम्राट अशोक का यह पुत्र उनके जीवन काल में ही इस संसार से चल बसा था ।[7]
प्रचलित संस्कृति में
2001 की बॉलीवुड फिल्म, Aśoka में कौरवाकी की भूमिका में करीना कपूर ने अभिनय किया।[8]
↑Shaastrii Kamalaapati Tivaarii (1928). Mauyyarkaaliin Bhaarat. पृ॰ 224. अशोक का ज्येष्ठ पुत्र था, जो जीवित रहने पर उसके बाद भारतीय साम्राज्य सिंहासन का अधिकारी होता। पर ऐसा जान पड़ता है कि अशोक का यह पुत्र उसके जीवन काल में ही इस संसार से चल बसा था ।
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