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काराकोल

काराकोल
Karakol / Каракол
सूचना
प्रांतदेश:इसिक कुल प्रांत, किरगिज़स्तान
जनसंख्या (२००९):६७,१००
मुख्य भाषा(एँ):किरगिज़
निर्देशांक:42°29′N 78°24′E / 42.483°N 78.400°E / 42.483; 78.400
काराकोल शहर का रूसी ओरथोडोक्स गिरजा

काराकोल(किरगिज़: Каракол, अंग्रेज़ी: Karakol), जिसका एक पुराना नाम प्रझ़ेवाल्स्क (Пржевальск, Przhevalsk) भी था, मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश का चौथा सबसे बड़ा शहर है और उस राष्ट्र के इसिक कुल प्रांत की राजधानी भी है। यह प्रसिद्ध इसिक कुल झील के पूर्वी छोर पर चीन की सरहद से १५० किमी दूर स्थित है। 'प्रझ़ेवाल्स्क' शब्द में बिंदु-वाले 'झ़' अक्षर के उच्चारण पर ध्यान दें क्योंकि यह 'झ', 'ज' और 'ज़' से अलग है और अंग्रेज़ी के 'टेलिविझ़न' और 'मेझ़र' शब्दों के आने वाली ध्वनि से मिलता है।

विवरण

काराकोल की स्थापना १ जुलाई १८६९ में एक रूसी साम्राज्य की सैनिक चौकी के रूप में हुई थी। जैसे-जैसे यहाँ रूस से यात्री आते गए इसकी आबादी बढ़ती गई। 'कारकोल' का मतलब 'काला हाथ' है और समझा जाता है कि यह नाम यहाँ की काली मिटटी से सने किसानों के हाथों पर पड़ा है।[1] सन् १८८० में यहाँ बहुत से मुस्लिम चीनी आ बसे जो चीन में हो रही लड़ाइयों से भाग रहे थे। इन्हें रूस में दूंगन लोग कहा जाता था और इनके आने से काराकोल की जनसँख्या और बढ़ी। १८८८ में जब यहाँ पर एक तिब्बत जा रहे प्रसिद्ध खोज-यात्री निकोलाई प्रझ़ेवाल्स्की (Nicholay Przhevalsky) की टाईफ़ाइड से मौत हो गई तो इस शहर का नाम उसके सम्मान में बदलकर प्रझ़ेवाल्स्क रख दिया गया। इस फ़ैसले के विरुद्ध शहर में शिकायतें हुई और १९२१ में इसका नाम फिर से 'काराकोल' रख दिया गया। १९३९ में सोवियत तानाशाह जोसेफ़ स्टैलिन ने निकोलाई प्रझ़ेवाल्स्की की जन्म-शताब्दी के मौक़े पर यह नाम फिर बदलकर 'प्रझ़ेवाल्स्क' कर दिया। १९९१ में जब सोवियत संघ ख़त्म हुआ और किर्गिज़स्तान को आज़ादी मिली तो इसका 'काराकोल' नाम फिर बहाल हुआ।

काराकोल किर्गिज़स्तान का एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र है। यहाँ स्किथी लोगों जैसी बहुत सी प्राचीन संस्कृतियों के निवास रहा है और सैलानी यहाँ मिले शिला-नक़्श और स्किथी कांसे की वस्तुएँ देखने आते हैं। यहाँ के लकड़ी की मस्जिदे और गिरजे उनमें लोकप्रीय हैं। इसके अलावा यहाँ रविवार को पशु ख़रीदने-बेचने का बाज़ार लगता है। यहाँ से २० मिनट की दूरी पर तियान शान के पहाड़ों में एक स्की करने का लोकप्रीय स्थल भी है। सोवियत ज़माने में नौसेना के लिए टोरपीडो बम यहाँ इसिक कुल झील में परखे जाते थे लेकिन उनसे सम्बंधित क्षेत्रों में आम लोगों का प्रवेश वर्जित है।

काराकोल के कुछ नज़ारे

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Central Asia: Kazakhstan, Tajikistan, Uzbekistan, Kyrgyzstan, Turkmenistan Archived 2015-04-06 at the वेबैक मशीन, Bradley Mayhew, Lonely Planet, 2007, ISBN 978-1-74104-614-4, ... The town name means something like 'black hand/wrist', possibly a reference to the hands of immigrant Russian peasants, black from the valley's rich soil ...