कापसी
कापसी Kapsi | |
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ग्राम | |
नेताजी चौक, छोटे कापसी | |
कापसी का क्रियात्मक मानचित्र | |
कापसी छत्तीसगढ़ में स्थिति कापसी कापसी (भारत) | |
निर्देशांक: 20°05′27″N 80°40′37″E / 20.0907444°N 80.6770786°Eनिर्देशांक: 20°05′27″N 80°40′37″E / 20.0907444°N 80.6770786°E | |
देश | भारत |
राज्य | छत्तीसगढ़ |
ज़िला | कांकेर जिला |
क्षेत्रफल | |
• कुल | 11.93 किमी2 (4.61 वर्गमील) |
अधिकतम उच्चता | 330 मी (1,080 फीट) |
निम्नतम उच्चता | 310 मी (1,020 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 4,179 |
• घनत्व | 350 किमी2 (910 वर्गमील) |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी, छत्तीसगढ़ी, बांग्ला |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
PIN | 494 771 |
Telephone code | 91 7844 |
वाहन पंजीकरण | CG 19 |
कापसी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर ज़िले में स्थित एक बड़ा हाट ग्राम है। यह भारत सरकार के दो महत्वाकांक्षी योजनाओं, सांसद आदर्श ग्राम योजना एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय रुर्बन मिशन, के अंतर्गत एक आदर्श ग्राम के रूप में अपनी पहचान रखता है।[1] इनके अतिरिक्त यह ग्राम वन परिक्षेत्र कापसी, उपवनमंडल पूर्व कापसी एवं जल संसाधन उपसंभाग कापसी का मुख्यालय भी है।[2][3] यहाँ की जनजातीय बहुलता के परिणामस्वरूप भारतीय संविधान की पाँचवी अनुसूची के अधीन इसे अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है।[4]
भूगोल
कापसी अपने तहसील मुख्यालय पखांजूर से 10 किमी उत्तरपूर्व में एवं जिला मुख्यालय कांकेर से प्रायः 100 किमी दक्षिणपश्चिम में स्थित है। इसके उत्तरपूर्व में दुर्गुकोंदल तहसील की सीमा लगी हुई है। यह ग्राम रियासतकालीन परलकोट जमींदारी के उत्तरी सीमा को अंकित करता है, अतः इसे परलकोट का प्रवेषद्वार भी कहा जाता है।.[5] इसकी समीपता तीन जिलों के सीमाओं - छत्तीसगढ़ के कांकेर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी एवं महाराष्ट्र के गढ़चिरौली - से होने के कारण यह क्षेत्र में पारगमन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
भौगोलिक दृष्टिकोण से कापसी बस्तर पठार के उत्तरी तराई में बसा हुआ है एवं यह ऐतिहासिक दण्डकारण्य क्षेत्र का भाग है।[6][7] इसकी ऊँचाई समुद्र तल से 310 से 330 मी की शृंखला में है। कापसी के मध्य से देवदा नहर, जो कोटरी नदी की एक सहायक नदी है, प्रवाहित होती है एवं इस गाँव की जीवनरेखा कही जाती है।[8][9] इस क्षेत्र में प्रमुखतः लाल-पीली मिट्टी पायी जाती है, जो महीन संरचना एवं गहरे रंग के साथ ही उर्वर एवं कृषि हेतु अनुकूल होती है।[7] अपने सघन हरित आवरण, लहरदार भूभाग, पथरीले टीलों एवं जल धाराओं से अच्छादित होने के परिणामस्वरूप यह क्षेत्र विविध वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं को प्राकृतिक आश्रय प्रदान करता है।
जनसांख्यिकी
भारत की जनगणना २०११ के अनुसार कापसी की कुल जनसंख्या 4,179 थी, जिसमें:
- बड़े कापसी ग्राम पंचायत की जनसंख्या 1129 थी। इनमें महिला:पुरुष का अनुपात 1034:1000 था एवं 14.70% आबादी की आयु छः वर्ष से कम थी। प्रभावी साक्षरता दर 58.05% था जो छत्तीसगढ़ राज्य के औसत 70.28% से निम्न रहा। पुरुष साक्षरता 64.63% एवं महिला साक्षरता 51.64% था।
- छोटे कापसी ग्राम पंचायत की जनसंख्या 3050 थी। इनमें महिला:पुरुष का अनुपात 992:1000 था एवं 11.54% आबादी की आयु छः वर्ष से कम थी। प्रभावी साक्षरता दर 83.91% था जो छत्तीसगढ़ राज्य के औसत 70.28% से अधिक रहा। पुरुष साक्षरता 88.54% एवं महिला साक्षरता 79.27% था।
शासन एवं राजनीति
प्रशासन
प्रशासनिक दृष्टिकोण से कापसी की संरचना किंचित् जटिल है। पंचायती राज के स्थानीय स्वशासन प्रणाली के अंतर्गत, योजना एवं विकास हेतु कापसी को निम्नलिखित दो पृथक ग्राम पंचायतों में विभाजित किया गया है:
- बड़े कापसी - यह देवदा नहर के पूर्वी भाग में बसा हुआ है एवं नवीन स्थापित बड़गांव उपतहसील के अन्तर्गत आता है। विभिन्न शासकीय विभागों के मानचित्रों में इसे अमूमन पुराना कापसी के नाम से भी दर्शाया जाता है।[10][11][12]
- छोटे कापसी - यह देवदा नहर के पश्चिमी भाग में बसा हुआ है एवं प्रत्यक्ष रूप से पखांजूर तहसील के अन्तर्गत आता है। विभिन्न शासकीय विभागों के मानचित्रों में इसे अमूमन नया कापसी के नाम से भी दर्शाया जाता है।[10][12][13]
विकासखंड स्तर पर दोनों ही ग्राम पंचायतें कोयलीबेड़ा जनपद पंचायत के अधीनस्त आतें है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन
कापसी एवं समीपस्थ ग्राम पंचायतों - आलोर, बापूनगर एवं हरनगढ़ - को मिलाकर बड़े कापसी रुर्बन क्लस्टर का गठन किया गया है। इस मिशन का उद्देश्य आर्थिक, सामाजिक और भौतिक बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करके ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना है।[14] इसके क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार द्वारा मई 2018 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के द्वितीय चरण के अन्तर्गत समेकित क्लस्टर कार्ययोजना (आईसीएपी) को स्वीकृति प्रदान की गई।[15] इसका लक्ष्य ग्रामीण सामुदायिक जीवन के सार को संरक्षित और पोषित करने के साथ ही अनिवार्य रूप से शहरी प्रकृति की समझी जाने वाली सुविधाओं का समावेश करना है, जैसे कुशल श्रम शक्ति विकसित करना, मक्का प्रसंस्करण जैसी मूल्य संवर्धन आधारित आजीविका गतिविधियों में विशेषज्ञता प्राप्त करना, इत्यादि।[16]
सांसद आदर्श ग्राम योजना
कांकेर लोकसभा क्षेत्र से छोटे कापसी प्रथम गाँव था जिसका चयन भारत सरकार के महत्वाकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत हुआ।[17] यहाँ इस योजना का शुभारम्भ २७ मार्च 2015 को तत्कालीन सांसद, विक्रम उसेंडी द्वारा जिले के प्रशासनिक अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया।[18] योजना का प्राथमिक उद्देश्य ऐसे आदर्श ग्रामों का विकास करना था जो बेहतर बुनियादी सुविधाओं, बेहतर आजीविका के अवसरों, समृद्ध सामाजिक पूंजी, आदि के माध्यम से ग्रामीण आबादी को समावेशी विकास एवं बेहतर जीवन स्तर प्रदान करें।[19]
हालाँकि, शुरुआती प्रचार-पसार के पश्चात यह योजना उदासीनता, अनुपयुक्त कार्य योजना एवं पूँजी के अभाव में गाँव के विकास में अपने घोषित उद्देश्यों को प्राप्त करने में विफल रही।[20]
उपयोगिता
विद्युत
कापसी में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी मर्यादित द्वारा एक विद्युत उपकेन्द्र संचालित है जहाँ से क्षेत्र में विद्युत की आपूर्ति की जाती है एवं बिल भुगतान संबंधित कार्य किए जातें है।[21]
दूरभाष एवं इंटरनेट
शासकीय उपक्रम भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा कापसी में लैंडलाइन, 2G/3G मोबाइल, एवं फ़ाइबर ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा प्रदान की जाती है। निजी उपक्रम रिलायंस जीयो इंफोकॉम लिमिटेड (जीयो) ने भी नवम्बर 2021 से अपनी 4G LTE मोबाइल सेवाएँ एवं जुलाई 2023 से 5G सेवाएँ यहाँ प्रारम्भ की है। यद्यपि दोनों ही उपक्रमों द्वारा प्रदान की जाने वाली दूरभाष एवं इंटरनेट सेवाओं की गुणवत्ता यहाँ की आवश्यकताओं के अनुसार अत्यधिक अनियमित एवं अपर्याप्त हैं।
स्वास्थ्य
कापसी में अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं के परिणामस्वरूप यहाँ के अधिकांश निवासी प्रथमोपचार हेतु घरेलू नुस्खे एवं नीमहकीमी पर निर्भर रहते हैं। यहाँ की एकमात्र शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कर्मचारियों एवं उपकरणों के अभाव के कारण आधारभूत चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करने में भी असमर्थ है। किंचित् निजी चिकित्सालय मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएँ मात्र प्रदान करते हैं। अतः आपातकालीन एवं उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के लिए स्थानीय निवासी दल्ली राजहरा, धमतरी, भिलाई एवं रायपुर जैसे नगरों पर निर्भर रहते है।
अर्थव्यवस्था
कृषि
कापसी की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि आधारित है। यहाँ रबी एवं खरीफ उपज ऋतुओं में बृहत् स्तर पर धान एवं मक्के की खेती की जाती है। मत्स्य पालन एवं दुग्ध उत्पादन भी प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधियों में यहाँ बड़े स्तर पर प्रचलित है। छत्तीसगढ़ शासन के मत्स्य पालन विभाग के तत्वावधान में, बड़े कापसी रुर्बन क्लस्टर ने पूरे राज्य में अपनी पहचान एक महत्वपूर्ण मत्स्य पालन केंद्र के रूप में स्थापित की है, जो स्थानीय आवश्यकताओं के पूर्ति के अतिरिक्त निकटवर्ती राज्यों जैसे महाराष्ट्र एवं ओड़िसा में भी मत्स्य का निर्यात करती है।[22] रेशम उत्पादन एवं औद्यानिकी भी यहाँ अल्प स्तर पर प्रचलित है।
वनोपज
यहाँ की जीवन शैली में वनों का बहुत ही महत्वपूर्ण प्रभाव देखा जा सकता हैं, जो खाद्य स्रोत के साथ ही वनोपज एवं वन विभाग में पारिश्रमिकी के माध्यम से आजीविका का साधन प्रदान करते है। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों के निस्तारी हेतु जलाऊ लकड़ी, वनौषधि, निर्माण कार्यों के लिए बांस, बल्ली, आदि का प्रबंध भी इन ही वनों से किया जाता है।[23]
व्यापार एवं वाणिज्य
कापसी में स्थायी एवं नियमित हाट बाजार संचालित होता है जो की इस क्षेत्र में सामग्री एवं सेवाओं की पूर्ति करता है।[1][5] छोटे कापसी स्थित नेताजी बाजार यहाँ का मुख्य व्यावसायिक केंद्र है। क्षेत्र में बढ़ते हुए व्यावसायिक अवस्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बड़े कापसी में भी एक नया बाजार तीव्र गति से आकर ले रहा है।
कापसी में निम्नलिखित सार्वजनिक बैंकों की सेवाएँ उपलब्ध है:
बैंक | शाखा |
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भारतीय स्टेट बैंक | कापसी |
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक | कापसी |
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक | बड़े कापसी |
भारतीय डाक भुगतान बैंक | छोटे कापसी |
पर्यटन
कापसी के निकट स्थित खेरकट्टा बांध (परलकोट जलाशय) लोकप्रिय स्थानीय पर्यटन स्थल तथा जिले का सबसे बड़ा बांध है। यह कापसी से 10 कि॰मी॰ (6.2 मील) उत्तरपश्चिम में खेरकट्टा गांव के समीप कोटरी नदी पर बनाया गया है। इस मध्यम सिंचाई परियोजना का निर्माण सन् 1966 में शुरू हुआ एवं सन् 1981 में दंडकारण्य विकास प्राधिकरण द्वारा 15 वर्षों की अवधि में पूर्ण किया गया ।[24]
यहाँ मानसून की बारिश के दौरान संपूर्ण जिले एवं निकटवर्ती जिलों से आएँ पर्यटकों की बड़ी संख्या देखी जा सकती है, विशेष रूप से जब 12 मी॰ (39 फीट) ऊंचे ढाल से पानी का छलकाव होता है।[25] यद्यपि आम जनो द्वारा बारह महीने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इसके सौंदर्यीकरण और नौकायन जैसी मनोरंजक गतिविधियों के विकास की निरंतर मांग की जाती रही है, तथापि यह मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है।[26]
परिवहन
सड़क
कापसी छत्तीसगढ़ राज्य राजमार्ग 25 पर स्थित है एवं यहां केवल सड़क परिवहन उपलब्ध है।[27] यह नियमित अंतराल पर संचालित बसों द्वारा आसपास के सभी प्रमुख कस्बों एवं शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, स्थानीय आवागमन के लिए पूरे दिन साझा परिवहन उपलब्ध रहते हैं।
कापसी की अनुमानित दूरी महत्वपूर्ण स्थानीय कस्बों एवं शहरों से इस प्रकार है:
Town/City | Distance |
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पखांजूर | 10 कि॰मी॰ (6.2 मील) |
बांदे | 30 कि॰मी॰ (19 मील) |
दुर्गूकोंदल | 35 कि॰मी॰ (22 मील) |
मानपुर | 40 कि॰मी॰ (25 मील) |
भानुप्रतापपुर | 60 कि॰मी॰ (37 मील) |
अंतागढ़ | 70 कि॰मी॰ (43 मील) |
दल्ली राजहरा | 90 कि॰मी॰ (56 मील) |
कांकेर | 100 कि॰मी॰ (62 मील) |
गढ़चिरौली | 100 कि॰मी॰ (62 मील) |
धमतरी | 140 कि॰मी॰ (87 मील) |
दुर्ग-भिलाई | 170 कि॰मी॰ (110 मील) |
रायपुर | 220 कि॰मी॰ (140 मील) |
जगदलपुर | 240 कि॰मी॰ (150 मील) |
रेल
कापसी में भारतीय रेलवे की सेवा उपलब्ध नहीं है। यहाँ से निकटतम स्थानीय रेलवे स्टेशन केवटी (KETI) है, जो दल्ली राजहरा-जगदलपुर रेल मार्ग पर कापसी से 50 कि॰मी॰ (31 मील) की दूरी पर स्थित है। इस स्टेशन को दैनिक डेमू सेवाएं दुर्ग के रास्ते रायपुर से जोड़ती हैं। कापसी से निकटतम द्रुतगामी रेलवे स्टेशन दुर्ग जं. (DURG) है, जो यहाँ से 180 कि॰मी॰ (110 मील) की दूरी पर हावड़ा-नागपुर-मुंबई रेल मार्ग पर स्थित है।
हवाई
कापसी से निकटतम घरेलू हवाई अड्डा स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डा नया रायपुर है, जो यहाँ से लगभग 210 कि॰मी॰ (130 मील) दूर है।
शिक्षा
कापसी में प्राथमिक एवं (पूर्व/उच्चतर) माध्यमिक शिक्षा हेतु हिंदी एवं अंग्रेज़ी माध्यम के अनेक शासकीय एवं निजी विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में समुचित शिक्षा की गुणवत्ता के अतिरिक्त खेल-कूद में भी विशेष ध्यान दिया जाता है, अपितु इनकी आधारभूत संरचना यहाँ के ग्रामीण परिवेश के पर्याय से संतोषजनक मात्र है। यद्यपि जिले के महाविद्यालय उच्चतर माध्यमिक के पश्चात मूलभूत उच्च शिक्षा प्रदान करने में समर्थ है, तथापि कुशल एवं विशिष्ट उच्च शिक्षा ग्रहण हेतु यहाँ के विद्यार्थी भिलाई, दुर्ग एवं रायपुर जैसे बड़े नगरों पर पूर्ण रूप से आश्रित है।
मनुष्य-वन्यजीव संघर्ष
यद्यपि इस क्षेत्र में मनुष्य-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं दुर्लभ हैं, तथापि तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण मनुष्यों एवं वन्यजीवों के बीच परस्पर अन्योन्यक्रिया अधिक से अधिक प्रचलित हो रही है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ अ आ "Sankalan - Initiatives in SAGY Gram Panchayats" (PDF). National Institute of Rural Development and Panchayati Raj. अभिगमन तिथि 30 July 2023.
- ↑ "Chhattisgarh Forest Cover Map - Sheet No. 64 D12". Ministry of Environment, Forest and Climate Change, Government of India. अभिगमन तिथि 30 July 2023.
- ↑ "Chhattisgarh: Official who gave 'nod' to drain weir to retrieve mobile phone suspended". Deccan Herald. PTI. 31 May 2023. अभिगमन तिथि 30 July 2023.
- ↑ "Scheduled Areas (States of Chhattisgarh, Jharkhand and Madhya Pradesh) Order, 2003". Bareactslive.com. मूल से 25 अप्रैल 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 April 2022.
- ↑ अ आ Sharma, Shantanu Nandan (19 January 2020). "Meet the Bengali refugees who now dominate businesses, farms in Chhattisgarh's tribal belt". The Economic Times. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0013-0389. अभिगमन तिथि 29 July 2023.
- ↑ "About Chhattisgarh". Cgclimatechange.com.
- ↑ अ आ "BASTAR DEVELOPMENT PLAN-SN1027" (PDF). National Institute of Educational Planning and Administration. अभिगमन तिथि 30 July 2023.
- ↑ "छोटेकापसी पुल के पास देवदा नदी में फैली जलकुंभी पानी हो रहा दूषित". Naidunia.com. 13 June 2022.
- ↑ "Map of Bade Kapsi : 6 Structure Plan" (PDF). Tcp.cg.gov.in. अभिगमन तिथि 30 July 2023.
- ↑ अ आ "Chhattisgarh Forest Cover Map - Sheet No. 64 D12". Ministry of Environment, Forest and Climate Change, Government of India. अभिगमन तिथि 30 July 2023.
- ↑ "विधायक अनूप नाग ने किया बड़गांव उपतहसील का शुभारंभ". Nai Dunia. 8 June 2021. अभिगमन तिथि 20 July 2023.
- ↑ अ आ "कांकेर जिले का नक्शा". tcp.cg.gov.in. अभिगमन तिथि 2023-08-06.
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- ↑ https://www.outlookindia.com/website/story/opinion-epic-fanfare-and-poor-planning-why-pm-modis-model-villages-scheme-isnt-working/355659
- ↑ "लापरवाह और बेपरवाह पावर स्टेशन बड़े कापसी". 10 August 2022. मूल से 17 जुलाई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अगस्त 2023.
- ↑ "Archived copy". मूल से 23 September 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 March 2022.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link)
- ↑ https://www.bhaskar.com/local/chhattisgarh/raipur/kanker/news/boon-became-lockdown-for-5700-people-of-kapsi-area-earning-rs3464-lakh-by-selling-forest-produce-127318367.html
- ↑ Project. "significance in Dandakaranya". अभिगमन तिथि 25 February 2015.
- ↑ "लबालब भरा जलाशय देखने उमड़ रही भीड़". 12 August 2022.
- ↑ "फॉरेनर्स ने छत्तीसगढ़ की इस खास जगह का नाम दिया है "परलकोट हेवन", यह है खासियत | Tourists Places in Chhattisgarh: Foreigners named this Paralkot Haven". Patrika News. 2019-07-15. अभिगमन तिथि 2023-08-15.
- ↑ "छत्तीसगढ़ राजपत्र, दिनांक 22 मई 2009" (PDF). indiacode.nic.in. 22 May 2009. अभिगमन तिथि 21 July 2023.