कसम से
कसम से एक ज़ी टीवी पर दिखाये जाने वाला भारतीय हिन्दी धारावाहिक है। यह 16 जनवरी 2006 से 12 मार्च 2009 तक सोमवार से शुक्रवार रात को देता था। इसके निर्माता एकता कपूर हैं।[1][2]
कहानी
यह कहानी तीन बहनों की है, जिनकी सोच एक दूसरे से बिलकुल अलग होती है। उनके पिता के मौत के बाद वह लोग मुंबई चले जाते हैं। जहाँ वह जय वालिया (राम कपूर) के यहाँ रहते हैं। बाणी को जय के कंपनी में काम कर रहे एक लड़के पुष्कर (नमन शॉ) से प्यार हो जाता है। लेकिन पुष्कर और पिया एक दूसरे से प्यार करते रहते हैं। इस कारण बाणी अपनी बहन के लिए अपने प्यार को भुला देती है। पुष्कर पिया को शादी के लिए पूछता है और पिया हाँ कर देती है। जय की छोटी बहन जिज्ञासा, बाणी को कहती है कि दुल्हन की जगह पर पिया के जगह वो बेठ जाये।
जिज्ञासा की एक बेटी जिसकी अबतक शादी नहीं हुई होती है वह रोहित (करन पटेल / सौरभ राज जैन) के बच्चे की माँ बनने वाली होती है। बाणी उन दोनों की शादी कराने की कोशिश करती है। लेकिन रोहित के पिता एक शर्त से ही यह शादी के लिए शह मत होते हैं, यदि जिज्ञासा का छोटा बेटा, साहिल (प्रशांत रानयल) और रोहित की बहन राशि भी एक साथ शादी करेंगें तो ही। साहिल राशि से सगाई कर लेता है। लेकिन वह राणों से प्यार करता है। इसके बाद साहिल का बड़ा भाई रणवीर (सिद्धार्थ वसुदेव) राशि से शादी करने के लिए तैयार हो जाता है। इसके बाद सभी खुश हो जाते हैं।
कुछ दिनों के बाद एक सच्चाई का बाणी को पता चलता है, कि उसकी माँ का सड़क दुर्घटना में मारने वाला जय ही है। वह जय कि बच्चे की माँ बनने वाली होती है। वह उसी समय जय का घर छोड़ के चले जाती है। बाद में उसे यह एहसास होता है कि वह जय से कितना प्यार करती है। तभी उसे यह पता लगता है कि जिज्ञासा और रणवीर जय की जायदाद हत्याने की कोशिश कर रहे हैं। वह जय को उन लोगों से बचाने के लिए तलाक ले लेती है और बदले में उससे उसकी जायदाद का एक बड़ा हिस्सा मांग लेती हैं। पिया जिसे पुष्कर अपने घर से निकाल देता है। वह अपने बच्चे को गिरवा देती हैं। वह अब जय के पीछे पड़ जाती है। जय कुछ व्यवसाय के कार्य से दुबई जाता है। पिया भी उसके पीछे दुबई चल देती है। वह एक रात उसके खाने में नशा मिला देती है और उससे संबंध बना लेती है। वही दूसरी ओर बाणी को पता चलता है कि उसकी माँ की मौत में जय का कोई हाथ नहीं था। वह वापस जय से मिलने आ जाती है। तभी उसे पता चलता है कि पिया जय के बच्चे की माँ बनने वाली है। जय बाणी और पिया में से किसी को भी चुन नहीं पाते रहता और इसके बाद साहिल की हत्या हो जाती है। पिया साहिल की हत्या कर देती है लेकिन वह कुछ नकली वीडियो को दिखा कर जय को कहती है कि वह बाणी को या तो जेल भेजे या पागल खाने। जय को लगता है कि पागल खाने भेज देना अच्छा होगा। बाणी पागलखाने में दो बच्चों को जन्म देती है। बाणी पागल खाने से भाग जाती है और जय के घर आ जाती है। जहाँ वह आग में फंस जाती है। इसके बाद जय को लगता है कि बाणी की मौत हो चुकी है। वह पिया से शादी कर लेता है। जबकि कोई अज्ञात इंसान बाणी को आग से बचा लेता है।
पाँच वर्ष पश्चात
जय अपना प्यार गवा ने के बाद उदास रहने लगता है। जबकि पिया और जिज्ञासा हर दो या तीन दिन में पार्टी करते रहते हैं। बानो पिया को बिलकुल पसंद नहीं करती है। अब रणवीर और बानो एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। बाणी अब अपना नाम बदल लेती है। वह अपना नाम बाणी से दुर्गा रख लेती है। डेब जिसने बाणी को आग से बचाया था, वह उसे उसके साथ हुए अपराध का बदला लेने का तरीका बताता है।
उसके पाँच वर्ष पश्चात
बाणी अपना नाम मैथिली रख लेती है। पैसे की कमी के कारण वह एक होटल में काम करती है। जहाँ जय रोज आ आकार उसको नीचा दिखाता है। उस होटल का मालिक मैथिली को नौकरी से हटा देता है। जय अपने कंपनी में काम कर रहे एक लड़की मीरा से शादी कर लेता है। मीरा और बाणी एक दूसरे से मिलते हैं और दोस्त बन जाते हैं। बाणी को यह नहीं पता होता है कि मीरा जय की पत्नी है। मीरा बाणी को एक नौकरी देकर उसकी पैसों की समस्या हल कर देती है। गंगा को एक दिन बहुत बुरी तरह से चोट लग जाती है। बाणी उसको अस्पताल ले जाती है। जहाँ उसे बहुत पैसे की मांग की जाती है। वह जय के कार्यालय में जाती है और उससे पैसे मांगती है। पहले जय उसे नीचा दिखाता है लेकिन अंत में वह पैसे दे देता है। उसे बाद में पता चलता है कि गंगा उसकी बेटी है। वह जब अस्पताल जाते हैं तो पता चलता है कि गंगा को कैंसर है। जब तक उसका बोनमेरो नहीं बदल देते तब तक उसका इलाज नहीं हो सकता है। जय उससे पुनः प्यार करने लगता है। उसे पता चलता है कि दक्ष के साथ उसका कोई लेना देना नहीं है तो वह उसे शादी के लिए पूछता है। लेकिन बाणी उसके साथ एक रात बिताने के बाद शादी से मना कर देती है।
एक घटना में बाणी जल जाती है और उसे एक बूढ़ा व्यक्ति अस्पताल पहुंचता है। वहाँ उसे एक नया चेहरा दिया जाता है। उसे कुछ याद नहीं रहता इस लिए वह व्यक्ति उसे अपनी बेटी बना लेता है। वह उसका नाम प्रोनीता रख देता है।
सोलह वर्ष पश्चात
जय मीरा को जन्मदिन की बधाई पार्टी देता है। वहीं कोलकाता में प्रोनीता बाणी का चित्र बनाने की कोशिश करते रहती है। जो पूरा नहीं हो पाते रहता है। वह चित्रकारी के प्रतियोगिता के लिए आबु पर्वत में जाती है। जहाँ जाते समय उसके गिरते वक्त जय उसे पकड़ लेता है। वह 16 वर्षों में पहली बार बाणी का चित्र बना लेती है। उसे प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिलता है। जय बाणी की तस्वीर देख कर क्रोधित हो जाता है। वह प्रोनीता को कहता है कि यह तस्वीर उसकी पत्नी बाणी की है। जय उसकी तस्वीर अपने साथ ले जाता है।
प्रोनीता अपने पिछले जीवन और बाणी के बारे में जानने के लिए मुंबई आ जाती है। जहाँ जय उसे गंगा को चित्रकारी सिखाने के काम में रख लेता है। धीरे धीरे प्रोनीता को सब कुछ याद आने लगता है। वह मीरा की सच्चाई सबके सामने लाने के लिए उसकी वीडियो बनाती है। मीरा मान जाती है कि उसे सब कुछ पता था और वह सभी को धोका दे रही थी।
कलाकार
- राम कपूर (उदय वालिया)
- प्राची देसाई (बानी)
- गौतम गुलाटी (वरुण)
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 13 सितंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 नवंबर 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 नवंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 नवंबर 2014.