कलि (राक्षस)
कली महाराज | |
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अधर्म का रूप[1] धर्म या शास्त्र के निर्देशों के विरुद्ध कार्य | |
कली महाराज | |
देवनागरी | कलि/कली |
संस्कृत लिप्यंतरण | कलि |
संबंध | असुर अधर्म |
निवासस्थान | अधर्म |
जीवनसाथी | दुरुक्ति अलक्ष्मी |
माता-पिता |
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भाई-बहन | दुरुक्ति |
संतान | दुमविष्णु निरास्वती विश्वब्रह्मा |
हिंदू परंपरा के अनुसार वर्तमान युग कलियुग है। कलि के कई अर्थ हैं - क्रोध, पीड़ा, शोक, आहत, भ्रमित और भ्रमित। हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि कलियुग में पांच स्थान हैं जहां दानव कलि रहते हैं।दानव कलि की उपस्थिति के साथ पांच स्थान हिंसा,शराब,महिला हिंसा,सोना (लालच) और जुआ.कौरव भाइयों में सबसे बड़ा दुर्योधन, कली का अवतार था।
सन्दर्भ
- ↑ "Story of Kali". 28 January 2019.