कर्णपर्व
कर्ण पर्व के अन्तर्गत कोई भी उपपर्व नहीं है और अध्यायों की संख्या ७९ है।
पर्व | शीर्षक | उप-पर्व संख्या | उप-पर्व सुची | अध्याय एवम श्लोक संख्या | विषय-सूची |
८ | कर्णपर्व | ७८ |
| ७९/४९६४ | इस पर्व में द्रोणाचार्य की मृत्यु के पश्चात कौरव सेनापति के पद पर कर्ण का अभिषेक, कर्ण के सेनापतित्व में कौरव सेना द्वारा भीषण युद्ध, पाण्डवों के पराक्रम, शल्य द्वारा कर्ण का सारथि बनना, अर्जुन द्वारा कौरव सेना का भीषण संहार, कर्ण और अर्जुन का युद्ध, कर्ण के रथ के पहिये का पृथ्वी में धँसना, अर्जुन द्वारा कर्णवध, कौरवों का शोक, शल्य द्वारा दुर्योधन को सान्त्वना देना आदि वर्णित है। |
बाहरी कडियाँ
- वेद-पुराण - यहाँ चारों वेद एवं दस से अधिक पुराण हिन्दी अर्थ सहित उपलब्ध हैं। पुराणों को यहाँ सुना भी जा सकता है।
- महर्षि प्रबंधन विश्वविद्यालय-यहाँ सम्पूर्ण वैदिक साहित्य संस्कृत में उपलब्ध है।
- ज्ञानामृतम् - वेद, अरण्यक, उपनिषद् आदि पर सम्यक जानकारी
- वेद एवं वेदांग - आर्य समाज, जामनगर के जालघर पर सभी वेद एवं उनके भाष्य दिये हुए हैं।
- जिनका उदेश्य है - वेद प्रचार[मृत कड़ियाँ]
- वेद-विद्या_डॉट_कॉम