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कर्णपटह

एक पुरुष उत्तरी अमेरिकीय साण्डमण्डूक की नेत्र के निकट एक गोलाकार कर्णपटह।

कर्णपटह स्तनधारियों, पक्षियों, कुछ सरीसृपों, कुछ उभयचरों और कुछ कीट जैसे पश्वों में एक बाह्य श्रवण संरचना है। [1]

ध्वनि का प्रयोग करते हुए, कशेरुकी प्राणी और कई कीट अपने शिकार को पहचानने, अपने शिकारियों को पहचानने और उनका पता लगाने, अन्य व्यक्तियों को सचेतन देने और उनके द्वारा की जाने वाली जानकर या अनजाने में होने वाली ध्वनियों को शुनकर सम्भावित साथियों और प्रतिद्वन्द्वियों का पता लगाने में सक्षम होते हैं। [2]

सामान्यतः, कोई भी पशु जो ध्वनियों पर प्रतिक्रिया करता है या ध्वनि के माध्यम से संचार करता है, उसके पास श्रवण तन्त्र होना चाहिए। यह प्रायः श्रवण उत्तेजनाओं का पता लगाने हेतु वायु से भरे एक कक्ष और संवेदी अंगों के रूप में जाना जाने वाला कम्पन करने में सक्षम झिल्ली होता है। [2]

सन्दर्भ

  1. Phil Bowles. "Glossary". The Online Field Guide. अभिगमन तिथि March 8, 2012.
  2. "Hearing (insects)". What-when-how. मूल से 4 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 March 2017.