कम्पनी पंजीकरण
भारत मॆ कंपनी अधिनियम की धारा 609 के तहत नियुक्त कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) जिनके अंतर्गत विभिन्न राज्य और संघ राज्य क्षेत्र आते हैं, का मुख्य कार्य संबंधित राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में निर्मित कंपनियों को रजिस्टर करना है और यह सुनिश्चित करना है कि ऐसी कंपनियाँ अधिनियम के तहत सांविधिक अपेक्षाओं का अनुपालन करे। ये कार्यालय उनके पास रजिस्टर की गई कंपनियों संबंधी रिकॉर्डों के रजिस्ट्री (पंजी कार्यालय) के रूप में कार्य करते हैं, ये रिकॉर्ड जनता द्वारा निर्धारित शुल्क के भुगतान पर निरीक्षण हेतु उपलब्ध हैं।
विभिन्न राज्यों में कंपनियों के रजिस्ट्रार मुख्य रूप से कंपनी के निगमीकरण, कंपनियों के नाम परिवर्तन, वित्तीय वर्ष परिवर्तन, कंपनियों के निजी से सार्वजनिक और इसके रुपांरण, कंपनियों के नामों को काटने और कंपनियों के विरुद्ध यूक संबंधी कार्रवाई का कार्य करते हैं।
एक प्राइवेट लिमिटेड अथवा एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी रजिस्टर कराने हेतु जिन चरणों का पालन किया जाना हैं, वे यहाँ सूचीबद्ध है।
एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को निगमीकरण हेतु उठाए जाने वाले कदम:
* तरजीह के क्रम में कुछ उपयुक्त नाम का चयन करें जो चार से कम न हो और कंपनी के मुख्य उद्देश्यों का सूचक हो। * यह सुनिश्चित करें कि नाम किसी नाम अन्य कंपनी, जो पहले से रजिस्टर्ड हो, के नाम के सदृश्य न हो और प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950 के उपबंधों न करता हो। * 500 रुपए के शुल्क के साथ सामान्य नियमावली और फॉमों के फॉर्म-1 क में नाम की उपलब्धता का पता लगाने हेतु संबंधित आरओसी कार्यालय में आवेदन करें। यदि प्रस्तावित नाम उपलब्ध नहीं है तो उसी आवेदन फॉर्म में नए नाम हेतु आवेदन करें। * संस्था की बही नियामावली और संस्था के अंतनिर्यम का प्रारुप वकील द्वरा तैयार कराने, आरओसी द्वारा उसकी विधीक्षा कराने उसी प्रिंटिंग कराने की व्यवस्था कराएँ। * संस्था की बहिर्नियमावली और संस्था के अंतर्नियमों पर उचित स्टाम्प शुल्क के साथ स्टाम्प लगवाने की व्यवस्था करें। * संस्था की बहिर्नियमावली और संस्था के अंतर्नियमों पर कम से कम दो अंशदाताओं के उसके हाथ से हस्ताक्षर लें, उनके पिता का नाम, व्यवसाय पता और अंशदान किए गए शेयरों की संख्या और कम से कम एक व्यक्ति की गवाही का ब्यौरा होना चाहिए। * यह सुनिश्चित करें कि संस्था की बहिर्नियमावली और संस्था के अंर्नियम पर तारीख स्टाम्प लगाने की तारीख के बाद की होनी चाहिए। * निम्नलिखित फॉमों को विधिवत भरवाएँ o अनुपालन की घोषणा फॉर्म-1 o कंपनी के रजिस्टर्ड कार्याल्य की अवस्थिति की सूचना फॉर्म-18 o निदेशक, प्रबंधक और सचिव के विवरण फॉर्म -32 * निम्नलिखत दस्तावेज फाइलिंग शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क के साथ आरओसी को प्रस्तुत करें: o संस्था की बहिर्नियमावली और संस्था के अंतर्नियमों की स्टाम्प लगी और हस्ताक्षरित प्रतियाँ (3 प्रतियाँ) o फॉर्म-1,18 और 32 दो प्रतियों में o संस्था की बहिर्नियमावली और संस्था के अंतर्नियमों में संदर्भित कोई सहमति। o प्रबंध निदेशक अथवा पूर्णकालिक निदेशक के रूप में नियुक्ति हेतु किसी व्यक्ति के साथ किया जाने वाल कोई प्रस्तावित करार o आरओसी द्वारा जारी नाम की उपलब्धता वाला पत्रा o रजिस्ट्रेशन हेतु फाइल किए गए दस्तावेज और कागजातों में अंशदाताओं की ओर से सुधार करने हेतु किसी व्यक्ति के पक्ष में मुख्यदाता। o रजिस्ट्रेशन ओर फाइलिंग शुल्क के 1000/- रुपए से अधिक होने पर डिमांड ड्राफ्ट/बैंकर्स चैक द्वारा भुगतान करें। o आरओसी से निगमीकरण का प्रमाणपत्र प्राप्त करें।