सामग्री पर जाएँ

कभी अलविदा ना कहना

कभी अलविदा ना कहना

कभी अलविदा ना कहना का पोस्टर
निर्देशककरण जौहर
निर्माता हीरू यश जौहर
करण जौहर
अभिनेताअमिताभ बच्चन,
शाहरुख़ ख़ान,
रानी मुखर्जी,
प्रीति ज़िंटा,
अभिषेक बच्चन,
किरन खेर
छायाकारअनिल मेहता
संगीतकारशंकर-एहसान-लॉय
निर्माण
कंपनी
वितरक धर्मा प्रोडक्शन्स
यश राज फिल्म्स
प्रदर्शन तिथियाँ
11 अगस्त, 2006
देशभारत
भाषाहिन्दी

कभी अलविदा ना कहना 2006 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन करण जौहर ने किया और धर्मा प्रोडक्शन्स बैनर के तहत इसे निर्मित किया गया। इसमें प्रमुख भूमिकाओं में शाहरुख खान, रानी मुखर्जी, अभिषेक बच्चन और प्रीति जिंटा हैं जबकि सहायक भूमिका को अमिताभ बच्चन और किरन खेर द्वारा निभाया गया है।

कहानी अधिकतर न्यूयॉर्क शहर में गुजरती है और व्यभिचार के विषयों की पड़ताल करती है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में सफलता थी। यह रिलीज के समय विदेशों में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई।

संक्षेप

माया (रानी मुखर्जी) एक अनाथ है जो अपने बचपन के दोस्त ऋषि तलवार (अभिषेक बच्चन) से शादी कर रही है। दोनों को ऋषि के पिता समरजीत उर्फ सैम (अमिताभ बच्चन) ने पाला है। देव सरन (शाहरुख खान) संयुक्त राज्य अमेरिका में एक सफल फुटबॉल खिलाड़ी है। वह न्यूयॉर्क शहर में अपनी पत्नी रिया (प्रीति जिंटा), अपने बेटे अर्जुन और अपनी मां कमलजीत उर्फ कमल (किरन खेर) के साथ रहता है। ऋषि से शादी करने से पहले माया ने देव से मुलाकात की। यद्यपि देव और माया अजनबी हैं, फिर भी वे एक दूसरे से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। देव एक कार से मारा जाता है और स्थायी रूप से अपने पैर को चोट पहुँचाता है।

चार साल बाद, देव अब फुटबॉल न खेलने में असमर्थता के कारण चिड़चिड़ा और द्वेषपूर्ण हो गया है और रिया के सफल करियर को देखकर वह उससे कम महसूस करता है। माया भी इसी तरह की स्थिति में है। उसने पाया है कि वह बाँझ है और ऋषि के प्रति कोई प्यार महसूस नहीं करती क्योंकि वह मानती है कि वह स्वार्थी है। देव और माया ने सैम और कमल को एक फूल की दुकान में गले लगते हुआ देखा। सैम और कमल ने समझाया कि दोनों ने अपने पति-पत्नी को खो दिया है। उन्होंने दोस्ती के माध्यम से अपने अकेलेपन को दूर करने में एक-दूसरे की मदद करने का फैसला किया है। देव और माया अपने संबंधित रिश्तों के तनाव से ब्रेक लेने का फैसला करते हैं। ऐसा करने में, वे खुद को एक दूसरे के प्रति आकर्षित पाते हैं।

मुख्य कलाकार

संगीत

संगीतकार - शंकर-एहसान-लॉय
गीतकार - जावेद अख्तर
क्रम #गीतगायकअवधि
1 "कभी अलविदा ना कहना" सोनू निगम, अलका याज्ञिक8:07
2 "मितवा" शफकत अमानत अली, कार्लिसा मोंटेरो, शंकर महादेवन6:26
3 "रॉक' 'एन' रोल सोनिये" शंकर महादेवन, शान, महालक्ष्मी अय्यर5:44
4 "तुम्हीं देखो ना" सोनू निगम, अलका याज्ञिक 5:50
5 "वेयर्स द पार्टी टूनाइट?" शान, वसुंधरा दास, लॉय मेंडोंसा, शंकर महादेवन 6:21
6 "मितवा - संशोधित" शफकत अमानत अली, कार्लिसा मोंटेरो, शंकर महादेवन 5:35
7 "फेयरवैल ट्रान्स" श्वेता पंडित, कार्लिसा मोंटेरो 5:47
8 "कही अलविदा ना कहना - दुखद संस्करण" सोनू निगम, अलका याज्ञिक 2:06

नामांकन और पुरस्कार

सन्दर्भ

  1. "कभी फिल्मों में लड़कों का रोल कर चुकी यह एक्ट्रेस, 18 उम्र में दिखती है ऐसी". दैनिक भास्कर. 6 अगस्त 2017. मूल से 26 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2018.
  2. "फिल्म कभी अलविदा ना कहना को पूरे हुए 11 साल". प्रभा साक्षी. 11 अगस्त 2017. मूल से 26 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2018.

बाहरी कड़ियाँ