कज़ाख़ भाषा
कज़ाख़ (Қазақ тілі, قازاق ٴتىلى, क़ाज़ाक़ तिलि) भाषा मध्य एशिया में कज़ाख़ लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक तुर्की भाषा है। यह तुर्की भाषा-परिवार की पश्चिमी या किपचक शाखा की भाषा है और क़ाराक़ालपाक़ और नोगाई भाषाओँ से मिलती-जुलती है। २००९ की जनगणना के अनुसार इसे कज़ाख़स्तान में लगभग १ करोड़ लोग बोलते हैं और २००० में इसे कज़ाख़स्तान से बाहर बोलने वालों की संख्या ३० लाख अनुमानित की गई थी। कज़ाख़ को कज़ाख़स्तन में राष्ट्रभाषा होने का दर्जा हासिल है। कज़ाख़स्तान के अलावा इसे चीन, मंगोलिया, अफ़्ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, युक्रेन, रूस और ईरान के कुछ समुदाय भी बोलते हैं। भौगोलिक दृष्टि से कज़ाख़ तियन शान पर्वतों से लेकर कैस्पियन सागर तक के विशाल क्षेत्र में बोली जाती है।
लिपि
कज़ाख़स्तान में लम्बे अरसे तक सोवियत संघ का नियंत्रण रहने से वहाँ इसे सिरिलिक लिपि में लिखा जाता है। चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रान्त में बसने वाले (अनुमानित) १० लाख कज़ाख़ लोग इसे उइग़ुर भाषा में प्रयोग होने वाली अरबी-फ़ारसी लिपि के साथ लिखते हैं। २००६ में कज़ाख़स्तान के राष्ट्रपति नूरसुलतान नज़रबायेव ने कज़ाख़ को रोमन लिपि में लिखने का प्रस्ताव रखा और इसपर अध्ययन किया गया।[1][2] २००७ में कज़ाख़ सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार यह लिपि का बदलाव ३० करोड़ डॉलर के ख़र्चे के साथ १०-१२ सालों में किया जा सकता है।[3] सोच-विचार के बाद राष्ट्रपति में अपना फैसला सुनाया कि इस समय कज़ाख़ की लिपि में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और सिरिलिक लिपि का इस्तेमाल जारी रहेगा।[4]
उदाहरण
यह संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार घोषणा का क़ज़ाख़ रूप है -
सिरिलिक लिपि | अरबी-फ़ारसी लिपि | देवनागरी लिप्यन्तरण | हिंदी अनुवाद |
Барлық адамдар тумысынан азат және қадір-қасиеті мен кұқықтары тең болып дүниеге келеді. Адамдарға ақыл-парасат, ар-ождан берілген, сондықтан олар бір-бірімен туыстық, бауырмалдық қарым-қатынас жасаулары тиіс. | بارلىق ادامدار تۋمىسىنان ازات جانە قادىر-قاسيەتى مەن كۇقىقتارى تەڭ بولىپ دۇنيەگە كەلەدى. ادامدارعا اقىل-پاراسات، ار-وجدان بەرىلگەن، سوندىقتان ولار ءبىر-بىرىمەن تۋىستىق، باۋىرمالدىق قارىم-قاتىناس جاساۋلارى ءتيىس. | बारलिक़ आदामदार त्वमिसिनान अज़ात जाने क़ादिर-क़ासियेती मेन कुक़िक़तारी तेन्ग बोलिप दुनियेगे केलेदी। आदामदारग़ा अक़िल-पारास्त, अर-ओजदान बेरलिगेन, सोंदिक़तान ओलार बिर-बिरिमेन त्विस्तिक़, बाविरमाल्दिक़ क़ारिम-क़ातिनास जासावलारी तीइस। | सभी आदम (इंसान) आज़ाद और गौरव (क़दर) और अधिकारों में बराबर पैदा होते हैं। आदम (इंसान) बुद्धि-मार्गदर्शन (अक़ल-परस्त) और ज़मीर के मालिक होते हैं और उन्हें एक-दुसरे से भाईचारे का सलूक करना चाहिए। |
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Kazakhstan switching to Latin alphabet". मूल से 30 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 सितंबर 2007.
- ↑ "Kazakh President Revives Idea of Switching to Latin Script". मूल से 7 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2012.
- ↑ "Kazakhstan: Moving Forward With Plan to Replace Cyrillic With Latin Alphabet". मूल से 12 मई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2012.
- ↑ "Kazakhstan should be in no hurry in Kazakh alphabet transformation to Latin: Nazarbayev, Kazinform, December 13, 2007". मूल से 2 जुलाई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2012.