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कंप्यूटर की भौतिक सुरक्षा

कंप्यूटर की एक चित्र्।

पीसी की भौतिक सुरक्षा का विचार करना, सुरक्षा का पहला चरण है। भौतिक सुरक्षा का रखरखाव बजट और स्थानविशेष पर निर्भर करता है। कंप्यूटर को भौतिक सुरक्षा प्रदान करनेवाली कुछ पध्दतियाँ हैं:

  • कंप्यूटर लॉक्स्: आजकल पीसीज् लॉकिंग फीचर के साथ उपलब्ध हैं, जिसमें केस को लॉक और अनलॉक करने के लिए सामने एक सॉकेट दिया गया है। इससे अनधिकृत यूज़र्स द्वारा उनकी अपनी फ्लॉपी या हार्डवेयर से सिस्टम बूटिंग कर पाने से बचाव होता है और पीसी के हार्डवेयर तक एक्सेस भी नहीं हो पाता।
  • BIOS सिक्योरिटी: BIOS (Basic Input Output System) सॉफ्टवेयर में निम्रित होते हैं, जो बताता है कि डिस्क पर जो प्रोग्राम हैं उन्हें एक्सेस किए बिना एक कंप्यूटर क्या कर सकता है। इसमें एक कोड होता है जो कीबोर्डस्, मॉनीटर, सीरियल और समानांतर संचार और कुछ अन्य क्रियाकलापों को नियंत्रित करता है। BIOS कंप्यूटर में एक ROM चिप के साथ आता है जो सुनिश्चित करता है कि डिस्क फेलियर के दौरान यह प्रभावित नहीं होगा।

BIOS पासवर्ड की सेटिंग करने से अनधिकृत यूज़र्स द्वारा सिस्टम का दुरूपयोग और रीबूटिंग नहीं किया जा सकता। यह एक निम्न स्तरीय सुरक्षा प्रदान करता है क्योंकि कोई भी बॅटरीज् को डिस्कनेक्ट कर के उत्पादकों के डीफॉल्ट पासवर्डस् के साथ BIOS को ऍक्सेस कर सकता है। परंतु अनधिकृत यूज़र्स के द्वारा केस को खोलकर BIOS को ऍक्सेस करने में थोड़ा समय लगता है जो उत्पाती हस्तक्षेप के चिन्ह छोड़ जाता है।

  • बहुत-सी संस्थाएँ आजकल ट्रैकिंग और रिकवरी सेवाएँ प्रदान करती हैं। ये कंप्यूटर के भीतर के सॉफ्टवेयर एजेंटस् की मदद से काम करती हैं। जब भी कोई चोर इंटरनेट से जुड़ता है, अपने आप ही उसे ज्ञात हुए बिना जिस सिस्टम या फोन के माध्यम से वह कनेक्ट कर रहा होता है उसका IP नंबर रीकवरी सर्विस सेंटर को भेज दिया जाता है।
  • सिस्टम्स् में निरंतर अनइन्टरप्टेड पावर सप्लाय (UPS) उपलब्ध होना चाहिए जिससे कि जो डाटा सेव न किए गए हों वे बिजली फेल होने पर खो न जाएँ।
  • सिस्टम को धूलरहित कमरे में रखना चाहिए और अच्छा वायन होना चाहिए जिससे CPU गर्म न हो।
  • पीसी की चाबियाँ सुरक्षित रखी जानी चाहिए, लापरवाही से नहीं।