एस्प्लेनेड, कोलकाता
एस्प्लेनेड | |
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कोलकाता का इलाका | |
2007 में एस्प्लेनेड रो, अब सिधु कानु दाहर | |
देश | भारत |
राज्य | पश्चिम बंगाल |
शहर | कोलकाता |
वार्ड |
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मेट्रो स्टेशन | एस्प्लेनेड |
ऊँचाई | 36 फीट (11 मी) |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 700069 |
दूरभाष कोड | +91 33 |
एस्प्लेनेड (Esplanade), मध्य कोलकाता में स्थित एक क्षेत्र है। अंग्रेजी भाषा में एस्प्लेनेड किसी जल निकाय के साथ स्थित एक खुला क्षेत्र है लेकिन अपने नाम के विपरीत यह क्षेत्र सचमुच में एक "एस्पलेनेड" नहीं है क्योंकि यह क्षेत्र पानी के पास स्थित नहीं है। हालाँकि हुगली नदी इस क्षेत्र से कुछ दूरी से बहती है। एस्प्लेनेड शहर के दिल में स्थित है और कोलकाता शहर के व्यस्त इलाकों में से एक है। यहाँ कोलकाता मेट्रो का एक स्टेशन भी स्थित है।
इतिहास
कोलकाता का मैदान, जो पहले जंगल था, उसके उत्तरी भाग को अंग्रेजों ने 'एस्प्लेनेड' नाम दिया गया था। पुराने समय में इसका विस्तार धर्मतला (अब लेनिन सरानी) से लेकर हुगली नदी के चाँदपाल घाट तक था। वारेन हेस्टिंग्स के दिनों में, अंग्रेजों के लिए यह सैर करने और पार्टी करने की पसंदीदा जगह थी।
इस क्षेत्र की पहली तस्वीरें डेनियल और विलियम बैली ने अठारहवीं शताब्दी के अंत में बनाई थीं। पुराने गवर्नमेंट हाउस और काउंसिल हाउस उनकी प्रत्येक तस्वीर की विशिष्ट विषयवस्तु थे। उनके एक चित्र में उपस्थित लोगों की भीड़ के साथ दो हाथियों को भी देखा जा सकता है।[1]
1867 में दो ब्रिटिश छायाकारों सैमुअल बॉर्न और चार्ल्स शेफर्ड ने यहाँ पर बॉर्न एंड शेफर्ड फोटोग्राफिक स्टूडियो की स्थापना की थी।
प्लासी की लड़ाई में ब्रिटिश की जीत और 1758 में नए फोर्ट विलियम के निर्माण के बाद से भारत में ब्रिटिश सत्ता की स्थिति मजबूत हो गयी। कालिकाता के यूरोपीय निवासी भी धीरे-धीरे अपने पुराने तंग इलाकों को छोड़ कर मैदान के आसपास चले आए।[2]
कोलकाता का पहला दर्ज किया गया फुटबॉल मैच अप्रैल 1858 में 'कलकत्ता क्लब ऑफ सिविलियंस' और 'जेंटलमेन ऑफ बैरकपुर' के बीच एस्प्लेनेड में ही खेला गया था। इससे पहले भी मैच हुए थे लेकिन उन का कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। [3]
२
सन्दर्भ
- ↑ Cotton, H.E.A., Calcutta Old and New, 1909/1980, p 254-261, General Printers and Publishers Pvt. Ltd.
- ↑ Cotton, H.E.A., p. 72.
- ↑ Nandy, Moti, Calcutta Soccer, p. 316, in Calcutta, the Living City, Vol II, edited by Sukanta Chaudhuri, 1990/2005, p.2, Oxford University Press, ISBN 0-19-563697-X.