एस्कॉर्बिक अम्ल
| एल-एस्कॉर्बिक अम्ल | |
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| आईयूपीएसी नाम | (५आर)-[(१एस)-१,२-डाईहाईड्रॉक्सीइथाइल]- ३,४-डाईहाईड्रॉक्सीफ़्यूरैन-२(५एच)-वन | 
| अन्य नाम | विटामिन सी | 
| पहचान आइडेन्टिफायर्स | |
| सी.ए.एस संख्या | [50-81-7][CAS] | 
| पबकैम | |
| EC संख्या | |
| en:ATC code | A11 | 
| SMILES | |
| InChI | |
| कैमस्पाइडर आई.डी | |
| गुण | |
| रासायनिक सूत्र | C6H8O6 | 
| मोलर द्रव्यमान | 176.12 g mol−1 | 
| दिखावट | श्वेत या हल्का पीला ठोस | 
| घनत्व | १.६५ ग्रा./सें.मी३ | 
| गलनांक | 190-192 °C, 463-465 K, 374-378 °F (decomp.) | 
| जल में घुलनशीलता | ३३ ग्रा./१०० मि.ली | 
| इथेनॉल में घुलनशीलता | २ ग्रा./१०० मि.ली | 
| ग्लीसेरॉल में घुलनशीलता | १ ग्रा./१०० मि.ली | 
| प्रोपाइलीन ग्लाइकॉल में घुलनशीलता | ५ ग्रा./१०० मि.ली | 
| अन्य तरल में घुलनशीलता | डाईइथाइल ईथर, क्लोरोफॉर्म, बेन्जीन, पेट्रोलियम ईथर, तेल, वसा, वसा सॉल्वेन्ट्स में अघुलनशील | 
| अम्लता (pKa) | ४.१० (प्रथम), ११.६ (द्वितीय) | 
| खतरा | |
| एम.एस.डी.एस | जेटी बेकर | 
| एलडी५० | ११.६ ग्रा./कि.ग्रा. (मौखिक, मूषक)[1] | 
| जहां दिया है वहां के अलावा, ये आंकड़े पदार्थ की मानक स्थिति (२५ °से, १०० कि.पा के अनुसार हैं। | |
एस्कॉर्बिक अम्ल एक एंटीऑक्सीडेन्ट गुणों वाला शुगर एसिड होता है। देखने में ये श्वेत से हल्के पीले रंग का जल-घुलनशील चूर्ण या क्रिस्टल होता है। एस्कॉर्बिक अम्ल के एक रूप को विटामिन सी के नाम से भी जाना जाता है। इसका अंग्रेज़ी नाम स्कर्वी नामक रोग के लैटिन भाषा के नाम स्कॉर्बिटस से निकला है। ये रोग विटामिन सी के अभाव में होता है व इस विटामिन के लेने से रोग होने की संभावना नहीं के कारण इसे विलोम रूप देने हेतु उपसर्ग रूप में अंग्रेज़ी का ए अक्षर लगा दिया जाता है, व एस्कॉर्बिक एम्ल बन जाता है। १९३७ में वॉल्टर हैवर्थ को एस्कॉर्बिक अम्ल की संरचना ज्ञात करने के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया था। इसकी खोज के समय १९२० के आरंभिक दशक में इसे हैक्ज़्युरोनिक एसिड कहा गया था।[2]
| विटामिन | श्रेष्ठ स्रोत | भूमिका | आर. डी. ए. | 
|---|---|---|---|
| विटामिन ए | दूध, मक्खन, गहरे हरे रंग की सब्जियां। शरीर पीले और हरे रंग के फल व सब्जियों में मौजूद पिग्मैंट कैरोटीन को भी विटामिन ‘ए’ में बदल देता है। | यह आंख के रेटिना, सरीखी शरीर की झिल्लियों, फ़ेफ़डों के अस्तर और पाचक-तंत्र प्रणाली के लिए आवश्यक है। | 1 मि, ग्राम. | 
| थायामिन बी | साबुत अनाज, आटा और दालें, मेवा, मटर फ़लियां | यह कार्बोहाइड्रेट के ज्वलन को सुनिशचित करता है। | 1.0-1.4 मि. ग्राम1.0-1.4 मि. ग्राम | 
| राइबोफ़्लैविन बी | दूध, पनीर | यह ऊर्जा रिलीज और रख–रखाव के लिए सभी कोशिकाओं के लिए आवश्यक है। | 1.2- 1.7 | 
| नियासीन | साबुत अनाज, आटा और एनरिच्ड अन्न | यह ऊर्जा रिलीज और रख रखाव, के लिए सभी कोशिकाओं के लिए आवश्कता होती है। | 13-19 मि. ग्रा | 
| पिरीडांक्सिन बी | साबुत अनाज, दूध | रक्त कोशिकाओं और तंत्रिकाओं को समुचित रुप से काम करने के लिए इसकी जरुरत होती है। | लगभग 2 मि. ग्रा | 
| पेण्टोथेनिक अम्ल | गिरीदार फ़ल और साबुत अनाज | ऊर्जा पैदा करने के लिए सभी कोशिकाओं को इसकी जरुरत पडती है। | 4-7 मि. ग्रा | 
| बायोटीन | गिरीदार फ़ल और ताजा सब्जियां | त्वचा और परिसंचरण-तंत्र के लिए आवश्यक है। | 100-200 मि. ग्रा | 
| विटामिन बी | दूग्धशाला उत्पाद | लाल रक्त कोशिकाओं, अस्थि मज्जा-उत्पादन के साथ-साथ तंत्रिका-तंत्र के लिए आवश्यक है। | 3 मि.ग्रा | 
| फ़ोलिक अम्ल | ताजी सब्जियां | लाल कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है। | 400 मि. ग्रा | 
| विटामिन ‘सी’ | सभी रसदार फ़ल. टमाटर कच्ची बंदगोभी, आलू, स्ट्रॉबेरी | हडिडयों, दांत, और ऊतकों के रख-रखाव के लिए आवश्यक है। | 60 मि, ग्रा | 
| विटामिन ‘डी’ | दुग्धशाला उत्पाद। बदन में धूप सेकने से कुछ एक विटामिन त्वचा में भी पैदा हो सकते है। | रक्त में कैल्सियम का स्तर बनाए रखने और हडिडयों के संवर्द्ध के लिए आवश्यक है। | 5-10 मि. ग्रा | 
| विटामिन ‘ई’ | वनस्पति तेल और अनेक दूसरे खाघ पदार्थ | वसीय तत्त्वों से निपटने वाले ऊतकों तथा कोशिका झिल्ली की रचना के लिए जरुरी है। | 8-10 मि. ग्रा | 
सन्दर्भ
- ↑ "सेफ़टी (एमएसडीएस) डाटा फ़ॉर एस्क'ओर्बिक एसिड". ऑक्स्फोर्ड विश्वविद्यालय. 2005-10-09. मूल से 9 फ़रवरी 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-02-21.
- ↑ स्विर्बेल्फ़, जोसफ़ लुइ; स्ज़ेन्ट-ज्यॉर्जी, अल्बर्ट (April 25, 1932), द कैमिकल नेचर फ़ विटैमिन सी (PDF), मूल से 6 मार्च 2010 को पुरालेखित (PDF), अभिगमन तिथि 3 अप्रैल 2010 नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के संग्रह का भाग। अभिगमन तिथी: जनवरी २००७
बाहरी कड़ियाँ
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