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ऍरिस (बौना ग्रह)

ऍरिस  ⯰
हबल अंतरिक्ष दूरबीन द्वारा ली गई ऍरिस और डिस्नोमिया की तस्वीर - ऍरिस बड़ा वाला गोला है

ऍरिस (प्रतीक: ⯰)[1] हमारे सौर मण्डल का सब से बड़ा ज्ञात बौना ग्रह है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा रखा गया इसका औपचारिक नाम "138119 ऍरिस" है। ऍरिस हमारे सौर मण्डल में सूरज की परिक्रमा करती सभी ज्ञात खगोलीय वस्तुओं में से नौवी सबसे बड़ी वस्तु है। इसका व्यास (डायामीटर) 2,300 - 2,600 किमी अनुमानित किया जाता है। इसका द्रव्यमान (मास) यम (प्लूटो) से 27% ज़्यादा और पृथ्वी के द्रव्यमान का केवल 027% है।

ऍरिस की खोज सन् 2004 में की गयी थी। यह एक वरुण-पार वस्तु है (यानि वरुण (नॅप्टयून) की कक्षा से भी बाहार है)। ऍरिस सूरज से बेहद दूर है और काइपर घेरे से भी बाहर एक बिखरे चक्र नाम के क्षेत्र में स्थित है। 2011 में यह सूरज से 96.6खगोलीय इकाई की दूरी पर था, जो प्लूटो से भी तीन गुना अधिक है। ऍरिस के इर्द-गिर्द इसका उपग्रह डिस्नोमिया परिक्रमा करता है। आज की तारीख़ में ऍरिस और डिस्नोमिया हमारे सौर मण्डल की सब से दूरी पर स्थित प्राकृतिक वस्तुएँ हैं।

अन्य भाषाओँ में

ऍरिस को अंग्रेज़ी में "Eris" और डिस्नोमिया को अंग्रेज़ी में "Dysnomia" लिखते हैं। ऍरिस का नाम प्राचीन यूनानी धर्म की एक देवी, ऍरिस (Ἔρις), से लिया गया है जो विवाद और लड़ाई-झगड़े की देवी मानी जाती थीं।

कक्षा और परिक्रमा

ऍरिस को सूरज की एक पूरी परिक्रमा लेने में 557 साल लग जाते हैं। ऍरिस की कक्षा सौर मण्डल के चपटे चक्र से तिरछी है। परिक्रमा करता हुआ यह आधे समय के लिए उस चक्र से ऊपर उठ होता है और बाक़ी आधे समय के लिए नीचे आ जाता है। इसके परिक्रमा कक्ष का सौर मण्डल के चक्र से 44 डिग्री का कोण है।

ऍरिस की बनावट

ऍरिस की सतह का एल्बीडो (सफ़ेदपन या चमकीलापन)0.86 है, जो सौर मण्डल की किसी भी अन्य वस्तु से अधिक है, सिवाय शनि के उपग्रह ऍनसॅलअडस के। वैज्ञानिक इसकी वजह यह बताते हैं के ऍरिस एक सूरज से अत्यंत दूर बहुत ही ठन्डे इलाक़े में है और उसकी सतह पर जमी हुई मीथेन गैस की चमकीली बर्फ़ हमेशा रहती है। इस रोशन छवि की वजह से अपनी पृथ्वी से गंभीर दूरी के बावजूद ऍरिस को साधारण ग़ैर-वैज्ञानिक लोग भी कुछ दूरबीनों से देख सकते हैं।

ऍरिस की सतह पर तापमान -243 से -217 डिग्री सेंटीग्रेड (यानि 30 से 58कैल्विन) अनुमानित किया गया है। ऍरिस की सतह भूरी है, जो की प्लूटो की लालिमा से भिन्न है। वैज्ञानिकों की सोच है के प्लूटो पर मीथेन की बर्फ़ टिक नहीं पाती और उसके नीचे के लाल रंगों वाले थोलिन नाम के पदार्थ नज़र आने लगते हैं। ऍरिस प्लूटो से अधिक सर्द है इसलिए मीथेन की बर्फ़ ऐसे थोलिनो को हमेशा एक भूरी रंग की बर्फीली चादर से ढके रखती है।

इन्हें भी देखें

सौर मण्डल
सूर्यबुधशुक्रचन्द्रमापृथ्वीPhobos and Deimosमंगलसीरिस)क्षुद्रग्रहबृहस्पतिबृहस्पति के उपग्रहशनिशनि के उपग्रहअरुणअरुण के उपग्रहवरुण के उपग्रहनेप्चूनCharon, Nix, and Hydraप्लूटो ग्रहकाइपर घेराDysnomiaएरिसबिखरा चक्रऔर्ट बादल
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  1. JPL/NASA (2015-04-22). "What is a Dwarf Planet?". Jet Propulsion Laboratory. अभिगमन तिथि 2022-01-19.