- ऋग्वेद में स्तोत्रों को संकलित किया गया है
- ऋग्वेद में 1028 सूक्त(ऋचाएं)संकलित हैं
- ऋग्वेद 10 मंडलों में विभाजित है
- ऋग्वेद की मूल लिपि ब्राह्मी को माना जाता है
- ऋग्वेद में 10580 मंत्र है (1028 सूक्त)
- ऋग्वेद के मंत्रों को उच्चारित करके यज्ञ संपन्न कराने वाले पुरोहित को होतृ(होता)कहा जाता था
ऋग्वेद के दस मंडल एवं उनके रचियता
मंडल | रचियता |
प्रथम | अनेक ऋषि |
द्वित्तीय | गृत्समद |
तृत्तीय | विश्वामित्र |
चतुर्थ | वामदेव |
पंचम | अत्रि |
षष्ठ | भारद्वाज |
सप्तम | वशिष्ठ |
अष्ठम | आंगिरस,कण्व |
नवम | अनेक ऋषिगण |
दशम | अनेक ऋषिगण |
- ऋग्वेद के तीसरे मंडल में गायत्री मंत्र वर्णित है
- गायत्री मंत्र के रचनाकार विश्वामित्र हैं
- गायत्री मंत्र सूर्य देवता(सविता) को समर्पित है
- 7 वे मंडल में दशराज्ञ युद्ध का वर्णन है
- ऋग्वेद के नौवें मंडल के सभी मंत्र जो कि 114 हैं, सोम को समर्पित हैं
- ↑ Vats, Sachin (2021-09-20). "Vedic Kaal | Rig Vedic Kaal | Uttar Vedic Kaal |ऋग्वेद|सामवेद|यजुर्वेद". Pandit Ji Education (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-10-21.