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उस्मान द्वितीय

उस्मान द्वितीय
عثمان ثانى
उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान
क़ैसर-ए-रूम
ख़ादिम उल हरमैन अश्शरीफ़ैन
ख़लीफ़ा-ए-इस्लाम
16वें उस्मानी सुल्तान (पादिशाह)
शासनावधि26 फ़रवरी 1618 – 20 मई 1622
पूर्ववर्तीमुस्तफ़ा प्रथम
उत्तरवर्तीमुस्तफ़ा प्रथम
जन्म3 नवम्बर 1604
तोपकापी सराय, क़ुस्तुंतुनिया, उस्मानिया
निधनमई 20, 1622(1622-05-20) (उम्र 17)
येदिकुले क़िला, क़ुस्तुंतुनिया, उस्मानिया
समाधि
अहमद प्रथम का तुरबा, सुल्तान अहमद मस्जिद, इस्तांबुल
बीवियाँआयशा सुल्तान
अक़ीला ख़ातून
एक और बीवी
संतानशहज़ादा उमर
पूरा नाम
उस्मान बिन अहमद
शाही ख़ानदानउस्मानी राजवंश
पिताअहमद प्रथम
मातामाह फ़िरोज़ ख़ातून
धर्मसुन्नी इस्लाम
तुग़राउस्मान द्वितीय عثمان ثانى के हस्ताक्षर

उस्मान द्वितीय (उस्मानी तुर्कीयाई: عثمان ثانى ‘ओमान-इ आनी; 3 नवम्बर 1604 – 20 मई 1622), जो तुर्की में गेंच ओस्मान (Genç Osman, जवान उस्मान) के नाम से भी पहचाने जाते हैं, 1618 से 20 मई 1622, अपनी हत्या तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे।

शुरुआती ज़िन्दगी

उस्मान द्वितीय का जन्म को तोपकापी सराय, क़ुस्तुंतुनिया में हुआ था। ये सुल्तान अहमद प्रथम (1603–17) और माह फ़िरोज़ ख़ातून के पुत्र थे। कुछ स्रोतों के मुताबिक़ माह फ़िरोज़ ख़ातून यूनानी, एवदोक्सिया, या सर्बियाई मूल से थी।[1][2] बाद की परंपराओं के मुताबिक़, छोटी उम्र में उनकी माँ ने उनकी तालीम पर ज़ोर दिया और इसलिए उस्मान एक मशहूर शायर बने और वे अरबी, फ़ारसी, यूनानी, लातीनी, इतालवी जैसी विभिन्न भाषाओं के जानकार थे; लेकिन ये दावों की सच्चाई संदिग्ध हैं।[3]

उनके पिता के गुज़रने के बाद तख़्त पर अपने अधिकार जताने में उस्मान की असफलता सम्भवतः हरम में उनकी माँ का अभाव था क्योंकि आम तौर पर उस्मानी शहज़ादों की माँओं ने उनकी संतानों हेतु उत्तराधिकारी पद को सुनिश्चित किया; उस समय उस्मान की माँ की मृत्यु हुई या वे निर्वासित हो गई थी।

शासन

उनके चाचा मुस्तफ़ा प्रथम (1617–18, 1622–23) के ख़िलाफ़ तख़्ता पलट के बाद उस्मान द्वितीय तख़्त पर विराजमान हो गए। उस समय उनकी उम्र 14 साल थी। उनकी जवान उम्र के बावजूद उन्होंने अपने आपको एक शासक के रूप में प्रदर्शित किया। सफ़वी फ़ारस के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने से उन्होंने साम्राज्य की पूरबी सरहद की हिफ़ाज़त सुनिश्चित की। मोल्दावियाई थैलीशाह युद्धों में उन्होंने स्वयं पोलैंड पर उस्मानियों के आक्रमण की अगुवाई की। लेकिन सितम्बर-अक्तूबर 1621 में चोतिन की लड़ाई हारने पर इन्हें पोलैंड के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर थे। उस्मन द्वितीय क़ुस्तुंतुनिया लौटे और इन्होंने जाँनिसारियों की कायरता और अपने राज्यकारियों की अक्षमता को उस्मानियों की इस बेइज़्ज़ती के लिए दोषी ठहराया।

उस्मान द्वितीय की सबसे अहम कमज़ोरी यह थी कि शाही हरम में इनकी कोई ताक़तवर हामी नहीं थी। 1620 से उस्मान की मृत्यु तक एक दाया ख़ातून (daye hatun, दाई माँ) वालिदा सुल्तान के पद पर नियुक्त की गई थी, लेकिन ये दाया ख़ातून पुराने महल में मुस्तफ़ा प्रथम की माँ हलीमा सुल्तान के प्रभाव का मुक़ाबला नहीं कर सकी।[4] पिटर्ज़बर्ग के मुताबिक़ उस्मान की कोई ख़ासकी सुल्तान नहीं थी, जबकि पियर्स के मुताबिक़ आयशा सुल्तान उनकी ख़ासकी थी। लेकिन स्पष्ट है कि आयशा ने उनके पति के शासनकाल की अवधि में वालिदा सुल्तान की भूमिका नहीं निभाई।

देहांत

जाँनिसारियों के प्रभाव को कम करने के ख़ातिर उस्मान द्वितीय ने तमाम कॉफ़ी दुकानों (बादशाह के विरुद्ध षड्यंत्र रचने के लिए अहम जगहें) पर पाबंदी लगा दी। उस्मान ने भी एक नई अधिक वफ़ादार सेना की स्थापना करने की योजना बनाई। इसके परिणामस्वरूप जाँनिसारियों ने बग़ावत की और जवान सुल्तान तुरंत येदिकुले क़िले में गिरफ़्तार कर लिया गया था, और वहाँ गले दबाने से उनकी जाँनिसारियों के द्वारा हत्या की गई।[5]

परिवार

जीवनसाथियाँ
  • आयशा सुल्तान (विवाह: दिसम्बर 1619), अज्ञात मूल से उनकी ख़ासकी;[6]
  • एक महिला जो एक ज्योतिषी की पुत्री बताई गई है, परतव महमद पाशा की पोती;[7]
  • अक़ीला ख़ातून (विवाह: मार्च 1622), शेख़ुलिस्लाम महमद असदुल्लाह आफ़ंदी की पुत्री;[6][7]
पुत्र

लोकप्रिय संस्कृति में

2015 तुर्कीयाई टीवी धारावाहिक मुह्तेशेम यूज़्यिल: कॉव्सेम, अभिनेता तानेर ओल्मेज़ ने उस्मान द्वितीय की भूमिला निभाई।[8]

टिप्पणियाँ

  1. Shaw, Stanford Jay. History of the Ottoman Empire and Modern Turkey, volume I: Empire of the Gazis: The Rise and Decline of the Ottoman Empire, 1280-1808. Cambridge University Press. पृ॰ 191.
  2. Günseli İnal; Semiramis Arşivi (2005). Semiramis: Sultan'ın gözünden şenlik. YKY. पृ॰ 27. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-975-08-0928-6. मूल से 29 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 दिसंबर 2017. [Osman II's mother the Serbian Evdoksiya known as Mahfiruz Sultan]
  3. Tezcan, Baki (2002). "The 1622 Military Rebellion in Istanbul : A Historiographical Journey". International Journal of Turkish Studies. University of Wisconsin: 40. Stanford Shaw, the author of an Ottoman history that has been widely used as a textbook and reference work, claims, on the basis of information from an eighteenth-century French novel,84 that the sultan was "[t]rained in Latin, Greek, and Italian by his Greek mother, as well as Ottoman Turkish, Arabic, and Persian."85
  4. Piterberg, Gabriel (2003). An Ottoman Tragedy: History and Historiography at Play. California: University of California Press. पपृ॰ 18. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-520-23836-2.
  5. Piterberg, Gabriel (2003). An Ottoman Tragedy: History and Historiography at Play. Berkeley: University of California Press. पृ॰ 28. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-520-23836-2.
  6. Peirce, Leslie P. (1993). The Imperial Harem: Women and Sovereignty in the Ottoman Empire. Oxford University Press. पपृ॰ 106. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-195-08677-5.
  7. Tezcan, Baki (2001). Searching For Osman: A Reassessment Of The Deposition Of Ottoman Sultan Osman II (1618-1622). पपृ॰ 377 n. 93.
  8. "Muhteşem Yüzyıl Kösem sezon finalinde bakın kimler ayrıldı!" (तुर्की में). मूल से 7 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-11-06.

बाहरी कड़ियाँ