उत्तर दक्षिण
उत्तर दक्षिण | |
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उत्तर दक्षिण का पोस्टर | |
निर्देशक | प्रभात खन्ना |
निर्माता | अशोक खन्ना |
अभिनेता | रजनीकांत, जैकी श्रॉफ, माधुरी दीक्षित |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथियाँ | 13 नवंबर, 1987 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
उत्तर दक्षिण 1987 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। कहानी लेखक सुभाष घई है। रजनीकांत, जैकी श्रॉफ, माधुरी दीक्षित और भारती मुख्य भूमिकाओं में है। लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने संगीत दिया है, जबकि आनंद बख्शी ने फिल्म के लिए गीत लिखे हैं।
संक्षेप
यह फिल्म यश चोपड़ा की क्लासिक फिल्म त्रिशूल से कहानी उधार ली है। जैकी श्रॉफ, रजनीकांत और कुलभूषण खरबंदा त्रिशूल में अमिताभ बच्चन, शशि कपूर और संजीव कुमार द्वारा निभाई गई संबंधित भूमिका निभाते हैं। सुभाष घई ने इसे फिल्माने में सहायता की है।
अपनी मां की मृत्यु के समय, राजा को पता चला कि उसके पिता अभी भी जिंदा हैं और एक अमीर जीवन जी रहे हैं। राजा अब अपने सौतेले भाई शंकर से मित्रता करता है और उसकी प्रेमिका चंदा (माधुरी दीक्षित) को चुराता है। वह धोखाधड़ी से कुछ संपत्ति पत्रों पर शंकर के हस्ताक्षर भी लेता है। हालांकि, शंकर की मां एक बहुत ही बुद्धिमान महिला है और राजा को नंगे हाथ पकड़ती है। हालांकि, जब वह जानती है कि वह उसका सौतेला बेटा है, तो वह उसे पुलिस को नहीं सौंपती है। इस बीच, शंकर चंदा की अस्वीकृति को संभालने में असमर्थ हैं और दुःख में हैं। हालांकि, वह राजा को माफ कर देता है जब उसे पता चला कि वह उसका सौतेला भाई है। इस बीच, उनके पिता कृष्णकांत (कुलभूषण खरबंदा) विदेश से लौट आते हैं और जब उन्हें इसके बारे में पता चल जाता है, तो वह बहुत परेशान होते हैं। वह राजा के खिलाफ कार्यवाही करने जा रहे होते हैं लेकिन उन्हें पता चला कि वह उनका बड़ा बेटा है और वो भी उसे माफ कर देते हैं। अंत भला तो सब भला।
मुख्य कलाकार
- रजनीकांत - शंकर
- जैकी श्रॉफ - राजा
- माधुरी दीक्षित - चंदा
- भारती - भारती
- कुलभूषण खरबंदा - कृष्णकांत
- अनुपम खेर
- ललिता पवार - राजा की दादी
- बीना बैनर्जी - अंजू
- परेश रावल - वर्धा राय
- सीमा देव - शारदा
- अंजना मुमताज़ - राम प्यारी
- सतीश कौशिक - काशीराम
संगीत
क्रम # | गीत | गायक |
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1 | "लैला मर गई" | अनुराधा पौडवाल |
2 | "कह दो उत्तर वालों से" | मोहम्मद अज़ीज़, अनुराधा पौडवाल, मनहर उधास |
3 | "उस कश्ती का क्या होगा" (स्त्री) | कविता कृष्णमूर्ति |
4 | "किस नाम से तुझको याद करूँ" | मोहम्मद अज़ीज़ |
5 | "थोड़ी सी आग" | कविता कृष्णमूर्ति, हरिहरन |
6 | "उस कश्ती का क्या होगा" (पुरुष) | मोहम्मद अज़ीज़ |