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उच्चताप अतिचालकता

उच्चताप अतिचालक BSCCO-2223 का एक छोटा सा टुकड़ा

उच्चताप अतिचालक (High-temperature superconductors या high-Tc या HTS) उन पदार्थों को कहते हैं जो अपेक्षाकृत अधिक ताप (लगभग -200 °C से अधिक) पर अतिचालकता का गुण प्रदर्शित करते हैं। [1] सबसे पहला उच्चताप अतिचालक 1986 में आईबीएम के आविष्कारकों ने खोजा था। [2][3]

-200 °C का ताप वह न्यूनतम ताप है जिसे द्रव नाइट्रोजन की सहायता से प्राप्त किया जा सकता है। ज्ञातव्य है कि क्रायोजेनिक्स के क्षेत्र में द्रव नाइट्रोजन सबसे सरल प्रशीतक है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वर्तमान समय में ज्ञात सभी अतिचालक पदार्थ सामान्य दाब पर सामान्य ताप (लगभग २० डिग्री सेल्सियस) से बहुत कम ताप पर अतिचालकता प्रदर्शित करते हैं। अधिकांश उच्च-ताप अतिचालक, सिरैमिक पदार्थ हैं। दूसरी तरफ, धात्विक अतिचालक प्रायः -200 °C से कम ताप पर अतिचालकता दर्शाते हैं और इसलिए उन्हें 'निम्न-ताप-अतिचालक' कहते हैं।

कुछ उच्चताप अतिचालकों के क्रांतिक ताप (Tc), क्रिस्टल संरचना और लैटिस नियतांक
सूत्र निरूपण Tc (K) युनिट सेल में
Cu-O तलों की संख्या
क्क्रिस्टल संरचना
YBa2Cu3O7123922विषलम्बाक्षीय (Orthorhombic)
Bi2Sr2CuO6Bi-2201201चतुष्कोणीय (Tetragonal)
Bi2Sr2CaCu2O8Bi-2212852चतुष्कोणीय
Bi2Sr2Ca2Cu3O10Bi-22231103चतुष्कोणीय
Tl2Ba2CuO6Tl-2201801चतुष्कोणीय
Tl2Ba2CaCu2O8Tl-22121082चतुष्कोणीय
Tl2Ba2Ca2Cu3O10Tl-22231253चतुष्कोणीय
TlBa2Ca3Cu4O11Tl-12341224चतुष्कोणीय
HgBa2CuO4Hg-1201941चतुष्कोणीय
HgBa2CaCu2O6Hg-12121282चतुष्कोणीय
HgBa2Ca2Cu3O8Hg-12231343चतुष्कोणीय

इतिहास

अतिचालकों की खोज का कालक्रम। दाएँ तरफ द्रव नाइट्रोजन का तापमान देख सकते हैं। यही वह तापमान है जो अतिचालकों को दो भागों में बांटता है- इससे अधिक क्रांतिक ताप वाले अतिचालकों को 'उच्च ताप अतिचालक' कहते हैं जबकि इससे कम क्रान्तिक ताप वाले अतिचालकों को 'निम्न ताप अतिचालक' कहते हैं। इस चित्र में क्युप्रेट्स को नीले हीरे जैसा दिखाया गया है तथा लोहा पर आधारित अतिचालकों को पीले रंग के वर्ग द्वारा।मैगनीशियम ऑक्साइड एवं अन्य निम्न-ताप धात्वीय बीसीएस अतिचालक, को हरे रंग के वृत्तों द्वारा दर्शाया गया है।

सन्दर्भ

  1. Timmer, John (May 2011). "25 years on, the search for higher-temp superconductors continues". Ars Technica. मूल से 4 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 March 2012.
  2. Saunders, P. J. Ford; G. A. (2005). The rise of the superconductors. Boca Raton, Fla.: CRC Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780748407729.
  3. Bednorz, J. G.; Müller, K. A. (1986). "Possible high TC superconductivity in the Ba-La-Cu-O system". Zeitschrift für Physik B. 64 (2): 189–193. डीओआइ:10.1007/BF01303701. बिबकोड:1986ZPhyB..64..189B.

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