इली नदी
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इली नदी (कज़ाख़: Іле, इले; अंग्रेज़ी: Ili River) मध्य एशिया की एक नदी है जो चीन के शिनजियांग प्रांत के इली कज़ाख़ स्वशासित विभाग में तियान शान पहाड़ों से उत्पन्न होकर दक्षिणपूर्वी कज़ाख़स्तान के अलमाती प्रांत से गुज़रकर बलख़श झील के ख़ाली होती है। इसकी कुल लम्बाई १,४३९ किमी है जिसमें से ८१५ किमी कज़ाख़स्तान की भूमि में आता है। बलख़श झील से मिलते हुए इली नदी एक बड़ा नदीमुख (डेल्टा) क्षेत्र बनाती है जिसमें झीलें, दलदली ज़मीन और सरकंडों से भरपूर जलग्रस्त इलाक़े आते हैं।
कुल मिलकर इली नदी का जलसम्भर क्षेत्र १,४०,००० वर्ग किमी है। इली नदी स्तेपी की तीन सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है - अन्य दो चुय नदी और तलास नदी हैं।
नाम
इली नदी का नाम महमूद काश्गरी के मशहूर 'दीवान-उ-लुग़ात-उत-तुर्क' (तुर्की भाषाओँ का शब्दकोष) में मिलता है। इसमें उन्होंने इसे कुछ इस तरह दर्ज किया था: 'इली, एक नदी का नाम, जिसके किनारे यग़मा, तोख़सी और चिगलिग क़बीले बसते हैं और जिसे तुर्की देश अपना जेहून (आमू दरिया) समझते हैं'।[1] इस से उनका मतलब था की जिस तरह मध्य एशिया के अन्य भाग में आमू दरिया को बहुत अहमियत दी जाती है उसी तरह इली नदी तुर्क लोगों के लिए है। सम्भव है कि नदी का नाम उईग़ुर भाषा के 'इल' शब्द से हो जिसका मतलब '(मछली पकड़ने वाला) काँटा' होता है। यह नाम नदी के आकार के ऊपर आधारित हो सकता है।[2]
इली नदी के कुछ नज़ारे
- कज़ाख़स्तान में कपचिगई सरोवर
- इली नदी का एक दृश्य
- इली नदी के किनारे बनी महात्मा बुद्ध के शिलाचित्र
- इली नदी का एक और दृश्य
- अल्तिन-इमेल राष्ट्रीय उद्यान में इली नदी के नज़दीक 'गाने वाला' टीला