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आस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा

आस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा
वर्गीकरण एवं बाह्य साधन
आस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा से पिडित एक रोगी की नीलि आंखें
आईसीडी-१०Q७८.०
आईसीडी-७५६।५१
ओएमआईएम१६६२००
डिज़ीज़-डीबी९३४२
मेडलाइन प्लस००१५७३
ईमेडिसिनped/{{{eMedicineTopic}}} 
एम.ईएसएचडी०१००१३

ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफैक्टा (Osteogenesis Imperfecta) एक अनुवांशिक रोग है जिसमें कोलाजोन १ की कमी की वजह से हड्डियों में मजबूती नहीं आती है और उनकी हड्डियां हल्की सी चोट या धक्के से टूट जाती है।

आस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्षन के साथ एक पंद्रह वर्षीय लड़के की क्लासिक नीले श्वेतपटल

ऐसे रोगियों का खास ख्याल रखा जाता है और उनको कैल्शियम और विटामिनडी नियमित रूप से दिया जाता है। हाल के शोधों से पेराथारमोन थैरेपी काफी कारगर पाई गयी है और इससे फ्रेक्चर की संभावना भी काफी कम हो जाती है। इस प्रकार के रोगियों को अक्सर चलने फिरने में तकलीफ होती है इसलिए इनका शारीरिक विकास भी पूरा नहीं होता है। मांसपेशियों मजबूत न होने के कारण ऱीढ की हड्डी में ट़ेढापन आ जाता है। ऐसे बच्चों में दांतों का विकास डेन्टिनोजेनेसिस इम्परफैक्टा एवं आंखों में नीला या पीलापन भी पाया जाता है। इस बीमारी का गंभीर रूप कई बार जानलेवा भी साबित होता है और मरीजों की मौत कम विकसित हुए फेफ़डों की वजह से हो जाती है।

यह एक अनुवांशिक रोग है और ८५ प्रतिशत रोगियों में यह मर्ज मातापिता के द्वारा आता है, लेकिन १५ प्रतिशत में यह जन्म के बाद भी जीन म्यूटेशन द्वारा आ सकता है। इस मर्ज को रोकने के लिए लोगों को अनुवांशिक रोग सलाहकारों से राय करनी चाहिए और गर्भ धारण करने से पहले अपनी जांच भी करानी चाहिए। अंत में अच्छी बात यह है कि सारी तकलीफों के बावजूद ऐसे लोग लगभग सभी काम करते हैं और सफल जीवन भी व्यतीत करते हैं।

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