आविश्लेषिक फलन
गणित में, फलनों की आविश्लेषिक कक्षा निम्नलिखित प्रभाव के अंतरगत वास्तविक विश्लेषणात्मक फलनों का व्यापकीकरण है। यदि f अन्तराल [a,b] ⊂ R एक विश्लेषणात्मक फलन है और किसी बिन्दु पर f और इसके सभी अवकलज शून्य हैं तो f, [a,b] में समान रूप से शून्य होगा। आविश्लेषिक कक्षा उन फलनों की व्यापक कक्षा है जिनमें उपर्युक्त कथन सय है।
परिभाषा
माना धनात्मक वास्तविक संख्याओं का एक अनुक्रम है जहाँ M0 = 1 है। तब हम f ∈ C∞([a,b]) के लिए फलनों की कक्षा CM([a,b]) परिभाषित करते हैं जो निम्न समीकरण को संतुष्ट करती है।
सभी x ∈ [a,b], कुछ नियतांक A और सभी ऋणेत्तर पूर्णांक k के लिए। यदि Mk = k! हो तो यह अन्तराल [a,b] पर वास्तविक विश्लेषणात्मक फलनों की कक्षा है। कक्षा CM([a,b]) आविश्लेषिक होगी यदि जब f ∈ CM([a,b]) और
कुछ बिंदुओं के लिए x ∈ [a,b] और सभी k, f समान रूप से शून्य हो।
एक फलन f को आविश्लेषिक फलन कहलाता है यदि f किसी आविश्लेषिक कक्षा में हो।
सन्दर्भ
- Carleman, T. (1926), Les fonctions quasi-analytiques, Gauthier-Villars
- Cohen, Paul J. (1968), "A simple proof of the Denjoy-Carleman theorem", The American Mathematical Monthly, Mathematical Association of America, 75 (1): 26–31, आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0002-9890, डीओआइ:10.2307/2315100, साँचा:MathSciNet, मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 10 जुलाई 2013
- Denjoy, A. (1921), "Sur les fonctions quasi-analytiques de variable réelle", C.R. Acad. Sci. Paris, 173: 1329–1331
- Hörmander, Lars (1990), The Analysis of Linear Partial Differential Operators I, Springer-Verlag, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 3-540-00662
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