आवारा पागल दीवाना
आवारा पागल दीवाना | |
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आवारा पागल दीवाना का पोस्टर | |
निर्देशक | विक्रम भट्ट |
लेखक | नीरज वोरा (संवाद) |
निर्माता | फ़िरोज़ नाडियाडवाला |
अभिनेता | अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, परेश रावल, अमृता अरोरा, आफ़ताब शिवदेसानी, आरती छाबड़िया, प्रीति झंगियानी, जॉनी लीवर, राहुल देव, ओम पुरी, असरानी |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ | 21 जून, 2002 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
आवारा पागल दीवाना 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित है। इसका कथानक काफी हद तक द होल नाइन यार्ड्स से प्रेरित है। इसमें अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, आफ़ताब शिवदेसानी, परेश रावल, जॉनी लीवर, प्रीति झंगियानी, आरती छाबड़िया, अमृता अरोरा और राहुल देव हैं। फ़िल्म टिकट खिड़की पर कामयाब रही थी।[1]
संक्षेप
कहानी एक मृत भारतीय अंडरवर्ल्ड डॉन, बाबा बलदेव प्रसाद (ओम पुरी) की विरासत पर केन्द्रित है। उसकी दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो जाती है। वह न्यूयॉर्क बैंक में 1000 करोड़ के हीरे छोड़ देता है। उसे उसके बेटे विक्रांत (राहुल देव), उसकी बेटी प्रीति (प्रीति झंगियानी) और प्रीति के पति गुरु गुलाब खत्री (अक्षय कुमार) के बीच समान रूप से वितरित किया जाना है। हीरों पर दावा करने के लिए, तीनों लाभार्थियों को बैंक में उपस्थित होना होगा। अगर एक या दो ही लोग जाते हैं तो बाकि लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र वहां प्रस्तुत करने पड़ेंगे।
डॉन की मौत के कुछ ही समय बाद, विक्रांत गुरु का भेष लेकर कैमरों के सामने गृह मंत्री की हत्या करके गुरु को खत्म करने का प्रयास करता है। गुरु बचने के लिए किसी और का भेष बनाकर अमेरिका भाग जाता है। गुरु उसी सड़क पर रहने लगता है जहां अनमोल (आफ़ताब शिवदेसानी) और उसका परिवार रहता है। अनमोल उसे खबरों से पहचान लेता है। उसकी सास उसे ससुर मणिलाल (परेश रावल) के साथ विक्रांत को गुरु के बारे में बताने और इनाम पाने के लिए भारत जाने के लिए मजबूर करती है। लेकिन सब कुछ गलत हो जाता है। विक्रांत इनाम नहीं देता है और इसके बजाय गुरु को मारने के लिए अनमोल और मणिलाल को अपने भाड़े के आदमी येड़ा अन्ना (सुनील शेट्टी) और छोटा छत्री (जॉनी लीवर) के साथ अमेरिका वापस भेज देता है। बाद में, उन्हें पता चलता है कि येड़ा अन्ना पूरे समय गुरु के लिए काम कर रहा था। अब इनका समूह हवाई अड्डे पर विक्रांत और प्रीति का स्वागत करता है। होटल में विक्रांत का चीनी गुंडों के एक रहस्यमय समूह द्वारा अपहरण कर लिया जाता है। येड़ा अन्ना को एक फोन कॉल आता है और पता चलता है कि अपहृत विक्रांत असली विक्रांत का डुप्लिकेट है और असली विक्रांत बाद में विमान से आने वाला है। वे दूसरे विक्रांत को मार डालते हैं और एक पार्टी के बाद उसके शव को ब्रुकलिन ब्रिज के पास एक कार में रख देते हैं।
विक्रांत की मृत्यु के साथ प्रीति और गुरु को आधे-आधे हीरे मिलते हैं। जब वे बैंक के बाहर होते हैं, तो पुलिसकर्मियों का एक समूह उन्हें गिरफ्तार कर लेता है और एक अज्ञात रेगिस्तानी इलाके में ले जाता है। यह पता चलता है कि विक्रांत अभी भी जीवित है और पहले वाला ही असली विक्रांत था। विक्रांत को हीरे मिलते हैं और वह गुरु को मारने की कोशिश करता है। झगड़ा हो जाता है। लड़ाई के अंत में, गुरु विक्रांत को मार देता है। जब यह सब ख़त्म हो जाता है, तो वे एक-दूसरे से यह पता लगाने के लिए कहते हैं कि हीरे किसके पास हैं। वह अनमोल के पास होते हैं और वह गुरु को कहता है कि अगर वह प्रीति को तलाक दे देगा तो वह उन्हें गुरु को दे देगा। गुरु अनमोल द्वारा चुने गए स्थान पर पहुंचता है और अनमोल को तलाक के कागजात देते हुए हीरे प्राप्त कर लेता है। वहां येड़ा अन्ना गुरु से दो-चार होता है और हीरे चुराने की कोशिश करता है। गुरु इस लड़ाई में जीत जाता है। वह उसे लटका देता है और उसे छोटा छत्री के कंधों पर खड़ा कर देता है। अंत में, अनमोल और उसका प्यार, प्रीति, भारत जाते हुए दिखाई देते हैं। अनमोल के पूर्व ससुर उसे कुछ हीरे देते हैं जो उसे गुरु से मिले थे। प्रीति टिप्पणी करती है कि उसे नहीं पता था कि गुरु इतना अच्छा था।
मुख्य कलाकार
- अक्षय कुमार — गुरु गुलाब खत्री
- सुनील शेट्टी — येड़ा अन्ना
- परेश रावल — मणिलाल पटेल
- आफ़ताब शिवदेसानी — डॉ॰ अनमोल आचार्य
- आरती छाबड़िया — टीना, अनमोल की सहायिका
- अमृता अरोरा — मोना
- प्रीति झंगियानी — प्रीति
- जॉनी लीवर — छोटा छत्री
- राहुल देव — विक्रांत
- ओम पुरी — डॉन (कैमियो)
- असरानी — चंपकलाल, विक्रांत का वकील
- सुप्रिया पिलगांवकर — परमजीत
संगीत
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आवारा पागल दीवाना" | शान, सुनिधी चौहान | 4:00 |
2. | "जिसे हंसना रोना" | उदित नारायण, सोनू निगम, शान, अलका याज्ञनिक, सुनिधी चौहान, सारिका कपूर | 7:30 |
3. | "मैने तो खाई कसम" | सुनिधी चौहान, अभिजीत | 5:02 |
4. | "मोरे सांवरिया" | सुनिधि चौहान, शान, अनु मलिक | 6:36 |
5. | "या हबीबी" | अदनान सामी, शान, सुनिधी चौहान | 7:19 |
6. | "ये तूने क्या किया" | सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल | 7:18 |
7. | "लव" (थीम) | - | 1:10 |
नामांकन और पुरस्कार
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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2003 | परेश रावल | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | जीत |
जी सिनी सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | जीत | ||
2004 | स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | जीत | |
जॉनी लीवर | नामित |
सन्दर्भ
- ↑ "'हेरा फेरी' से कम नहीं, अक्षय कुमार की ये फिल्म, लोगों को हंसा-हंसाकर किया था लोटपोट, बजट से दोगुनी हुई कमाई". News18 हिंदी. 5 अगस्त 2023. अभिगमन तिथि 14 मार्च 2024.