सामग्री पर जाएँ

आलम (कवि)

आलम रीतिकाल के एक हिन्दी कवि थे जिन्होने रीतिमुक्त काव्य रचा। आचार्य शुक्ल के अनुसार इनका कविता काल 1683 से 1703 ईस्वी तक रहा।

इनका प्रारंभिक नाम लालमणि त्रिपाठी था।

इनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। एक मुस्लिम महिला शेख नामक रंगरेजिन से विवाह के लिए इन्होंने नाम आलम रखा। ये औरगजेब के दूसरे बेटे मुअज्जम के आश्रय में रहते थे।[1]

रचनाएँ

प्रसिद्ध रचनाएं हैं :-

  • माधवानल कामकंदला (प्रेमाख्यानक काव्य)
  • श्यामसनेही (रुक्मिणी के विवाह का वर्णन, प्रबंध काव्य)
  • सुदामाचरित (कृष्ण भक्तिपरक काव्य)
  • आलमकेलि (लौकिक प्रेम की भावनात्मक और परम्परामुक्त अभिव्यक्ति, श्रृंगार और भक्ति इसका मूल विषय है)

सन्दर्भ

  1. आलम कवि - रीतिकाल || जीवन परिचय - हिंदी साहित्य चैनल https://www.hindisahity.com/alam-kavi-ritikaal/