आये दिन बहार के
| आये दिन बहार के | |
|---|---|
|  फ़िल्म का पोस्टर | |
| निर्देशक | रघुनाथ जलानी | 
| पटकथा | सचिन भौमिक | 
| कहानी | सचिन भौमिक | 
| निर्माता | जे ओम प्रकाश | 
| अभिनेता | धर्मेन्द्र आशा पारेख बलराज साहनी राजेन्द्रनाथ | 
| छायाकार | वी बाबासाहेब | 
| संपादक | प्रताप डेव | 
| संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल | 
| निर्माण कंपनी | राजकमल स्टूडियो | 
| वितरक | फ़िल्मयुग प्राइवेट लिमिटेड | 
| प्रदर्शन तिथियाँ | 
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| लम्बाई | 170 मिनट | 
| देश |  भारत | 
| भाषा | हिन्दी | 
आये दिन बहार के सन् 1966 में प्रदर्शित व निर्माता जे ओम प्रकाश द्वारा निर्मित हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। जिसमें धर्मेन्द्र, आशा पारेख, बलराज साहनी और राजेन्द्रनाथ मुख्य भूमिका में है।
संक्षेप
रवि एक योग्य नौज़वान है जो अपनी माँ के साथ रहता है लेकिन अपने पिता के बारे में नहीं जानता। उसे एक अमीर लड़की कंचन से प्रेम हो जाता है कंचन के अभिभावक भी रवि की योग्यता को देंखते हुय उसे स्वीकार कर लेते हैं। लेकिन सगाई के दिन यह राज़ उजागर होता है कि वह एक कुँवारी माँ का बेटा है, उस पर पहाड़ टूट पड़ता है तथा उसकी सगाई भी टूट जाती है। रवि अपनी माँ का त्याग कर देता है।
तब वह अपने बाप से बदला लेने उसकी ख़ोज में निकलता है, दूसरे शहर में पहुँचकर लडाई-झगड़े के विवाद में फंसकर वह अदालत में पेश होता है। अदालत के न्यायाधीश शुक्ला को उसकी सारी कहानी सुनने के बाद यह आभास होता है कि रवि उन्ही का बेटा है, लेकिन वे अभी ये राज़ उसे नहीं बतलातें बल्कि उसे अपनी माँ के पास वापस जाकर पश्चाताप करने को कहते हैं, जब रवि वापस घर पहुँचता है तो पाता है कि उसकी माँ मर चुकी है। तब न्यायाधीश शुक्ला रवि को उसके पिता को ढूँढने में सहायता करने के बहाने अपने साथ ले जाते हैं।
कुछ समय पश्चात उसे सत्य का पता चलता है और वह अपनी माँ को भी ढूँढ लेता है। एक बार फिर उसके जीवन में कंचन भी वापस आ जाती है और वह दोनों विवाह के बंधन में बँध जाते हैं।
चरित्र
| अभिनेता | भूमिका | 
|---|---|
| धर्मेन्द्र | रवि | 
| आशा पारेख | कंचन | 
| बलराज साहनी | मजिस्ट्रेट शुक्ला | 
| नाज़िमा | रचना | 
| सुलोचना लाटकर | जमुना | 
| राजेन्द्रनाथ | अनमोल रत्न | 
| राज मेहरा | जानकीदास | 
| लीला मिश्रा | दीदी | 
| ब्रह्म भारद्वाज | सरकारी वकील | 
| सी एस दुबे | 
संगीत
फ़िल्म को संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया है एवं गीतकार आनंद बख्शी हैं।
| # | गीत | गायक | 
|---|---|---|
| 1 | खुदाया खैर | मोहम्मद रफ़ी | 
| 2 | मेरा महबूब है बेमिसाल | लता मंगेशकर | 
| 3 | ये कली | लता मंगेशकर, महेन्द्र कपूर | 
| 4 | सुनो सजना | लता मंगेशकर | 
| 5 | खत लिख दे | आशा भोंसले | 
| 6 | ऐ काश किसी दीवाने को | लता मंगेशकर, आशा भोंसले | 
| 7 | मेरे दुश्मन | मोहम्मद रफ़ी | 
परिणाम
फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर बडी हिट साबित हुई। इसका संगीत भी काफी लोकप्रिय हुआ।