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आम्रपाली (1966 फ़िल्म)

आम्रपाली

आम्रपाली का पोस्टर
निर्देशकलेख टंडन
अभिनेतावैजयन्ती माला,
सुनील दत्त,
प्रेमनाथ
संगीतकारशंकर-जयकिशन
प्रदर्शन तिथि
1966
देशभारत
भाषाहिन्दी

आम्रपाली 1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह लेख टंडन द्वारा निर्देशित है, जिसमें वैजयन्ती माला और सुनील दत्त मुख्य भूमिका में हैं।[1] फिल्म का संगीत शंकर-जयकिशन द्वारा किया गया था। इस फिल्म के अधिकार शाहरुख खान की रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के पास हैं।

संक्षेप

मगध सम्राट अजातशत्रु (सुनील दत्त) पड़ोसी राज्य वैशाली पर जीत स्थापित नहीं कर पाया है जबकि उसने बाकी सभी राज्यों पर नियंत्रण ले लिया है। वह वैशाली पर हमला करता है लेकिन फिर से हार जाता है। घायल और खो जाने पे वह वैशाली के सैनिक की आड़ ले लेता है और आम्रपाली (वैजयन्ती माला) नामक एक महिला के साथ शरण लेता है। वे एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। अजातशत्रु सेनापति बलभद्र सिंह के रूप में सहयोगी पाता है और दोनों वैशाली पर नियंत्रण पाने की साजिश शुरू करते हैं।

वैशाली सम्राट को अजातशत्रु और आम्रपाली के प्रेम-सम्बंध के बारे में पता चलता है और वह उसे मौत की सजा देता है। इस पर अजातशत्रु क्रोधित हो जाता है। वह अपनी सेनाओं को इकट्ठा करता है और वैशाली की ओर भगाता है और शहर को लगभग जला देता है, जिससे लगभग सभी लोग मारे जाते हैं। वह अपने प्रिय को काल कोठरी से मुक्त करने के लिए भागता है। वह उसे मुक्त कर देता है लेकिन यह वह आम्रपाली नहीं है; यह आम्रपाली काफी अलग है। इस बीच वह गौतम बुद्ध के साथ अपनी मुलाकात के बाद बदल गई है और वह खुद उनकी शिष्य और एक अरिहंत बन गई है।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी शंकर जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध।

क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."नाचो गाओ नाचो धूम मचाओ"शैलेन्द्रलता मंगेश्कर5:15
2."जाओ रे जोगी तुम जाओ रे"शैलेन्द्रलता मंगेश्कर3:28
3."तुम्हें याद करते करते"शैलेन्द्रलता मंगेश्कर3:36
4."नील गगन की छाँव में"हसरत जयपुरीलता मंगेश्कर3:54
5."तड़प ये दिन रात की"शैलेन्द्रलता मंगेश्कर4:23

सन्दर्भ

  1. "फिल्म 'आम्रपाली' में बुद्ध बनेंगे विनोद खन्ना". आज तक. मूल से 2 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 जनवरी 2020.

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