आध्यात्मिक पर धार्मिक नहीं
आध्यात्मिक पर धार्मिक नहीं (आपधान) एक लोकप्रिय वाक्य और प्रथमाक्षर हैं जो आध्यात्मिकता के जीवन रवैये से स्वयं तादात्म्य स्थापित करने के रूप में उपयुक्त होता हैं, और इस बात से मुद्दा उठाता हैं कि संगठित धर्म ही आध्यात्मिक उन्नति का इकलौता और सबसे मूल्यवान तरीका है। आध्यात्मिकता "मन-शरीर-आत्मा" के हित पर ध्यान देती हैं,[1] अतः आपधान आंदोलन में ताइ ची, रेकी, और योग जैसी "समग्र" क्रियाएँ आम हैं।[1]
ये भी देखें
- चिरस्थायी दर्शन
- Deism
- कुछवाद
- Moralistic therapeutic deism
- Non-overlapping magisteria
- Spiritual naturalism
- धर्मनिरपेक्ष आध्यात्मिकता
- Ecospirituality
- Agnosticism
- Non-denominational
सन्दर्भ
- ↑ अ आ Paul Heelas (21 January 2009). Spiritualities of Life: New Age Romanticism and Consumptive Capitalism. John Wiley & Sons. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4443-0111-3. मूल से 14 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मार्च 2018.