आधम ख़ान का मकबरा
आधम ख़ान का मकबरा | |
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आधम ख़ान का मकबरा, दिल्ली | |
सामान्य जानकारी | |
स्थापत्य कला | मुगल वास्तुकला |
कस्बा या शहर | दिल्ली |
देश | भारत |
निर्देशांक | 28°31′24″N 77°10′47″E / 28.523278°N 77.179830°E |
पूर्ण | 1561 ई.में |
डिजाइन और निर्माण | |
ग्राहक | मुगल साम्राज्य |
आधम ख़ान का मकबरा (English:Adham Khan's Tomb,उर्दू: ادھم خان کا مزار, बांग्ला: আধম খানের সমাধি) 16वीं सदी की एक इमारत है। इस मकबरे में मुगल बादशाह अकबर के एक सिपहसालार आधम ख़ान को दफनाया गया था। आधम खान अकबर की धाय मां महम अनघा का छोटा पुत्र होने के नाते रिश्ते में अकबर का दूध भाई था। अकबर का चहेता होने के नाते आधम ख़ान को बेहद ताकतवर सिपहसालार था। लेकिन अकबर के दूसरे सिपहसालार अतगा खान की हत्या कर देने के बाद अकबर ने इस ज़ुर्म पर मौत की सजा सुनाते हुए आधम खान को आगरा किले की दीवार से सिर के बल नीचे फेंक देने का हुक्म दे दिया।[1]
यह मकबरा दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित है। इसका निर्माण अकबर द्वारा 1561 में करवाया गया।
इतिहास
आधम ख़ान अकबर की धाय मां का पुत्र और मुगल फौज का एक सिपहसालार था। महाराजा मान सिंह से आधम खान की बेटी बीबी मुबारक का विवाह भी हुआ था।अकबर के वजीर-ए-आज़म अतगा ख़ान के साथ दुश्मनी के चलते आधम खान ने उसकी हत्या कर दी। जिसके बाद क्रोध में अकबर ने आधम ख़ान को आगरा किले की दीवार से सिर के बल फेंक देने का आदेश दे दिया जिससे आधम ख़ान की मौत हो गई। आधम की मौत के चालीसवें दिन ग़म के मारे उसकी मां महम अनघा की भी मौत हो गई।[2] मां बेटे दोनों को महरौली में बने इसी मकबरे में दफनाया गया। मकबरे का निर्माण अकबर ने करवाया। इतिहासकारों का मानना है कि ये मकबरा जानबूझकर लोधी वंश की इमारतों की अष्टकोणीय शैली में बनवाया गया। शायद ऐसा आधम को गद्दार करार देने के लिए किया गया। क्योंकि मुग़लों की नज़र में लोदी सुल्तान गद्दार थे। [3]
1830 में बंगाल सिविल सेवा के एक अंग्रेज अफसर ब्लेक ने इस मकबरे को अपना निवास स्थल बना लिया और मकबरे के बीचोबीच अपने डाइनिंग हॉल तक रास्ता साफ करने के लिए इसके अंदर बनी कब्रों को हटा दिया। हालांकि उस अफसर की जल्द ही मौत हो गई लेकिन लंबे समय तक ये मकबरा अंग्रेज अफसरों के लिए अतिथिगृह बना रहा। बाद के दिनों में कुछ समय तक इस मकबरे को पुलिस थाने और बाद में डाकघर के रूप में भी इस्तेमाल किया गया। लेकिन ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड कर्ज़न के आदेश के बाद इस मकबरे को खाली करके कब्रों का पुनर्निर्माण किया गया।[4] [5]
स्थापत्य
यह मकबरा दक्षिणी दिल्ली के लालकोट की दीवार पर बने एक चबूतरे पर बना है। इस अष्टकोणीय इमारत के ऊपर गुंबज को 14वीं सदी के लोधी और सैयद वंश की इमारतों की शैली में बनाया गया है। मकबरे में चारों तरफ मेहराबदार बरामदे बने हैं। प्रत्येक बरामदे में तीन दरवाजे प्रवेश द्वार बने हैं। [6]
सन्दर्भ
- ↑ Adham Khan Tomb Archived 2010-06-13 at the वेबैक मशीन archnet.org.
- ↑ What makes a man great? Archived 2017-07-03 at the वेबैक मशीन द ट्रिब्यून, चंडीगढ़, June 9, 2001.
- ↑ Adham Khan's Tomb - Image and History Archived 2016-05-18 at the वेबैक मशीन The New Cambridge History of India, by Catherine B. Asher. Cambridge University Press. ISBN 0-521-26728-5. Page 44.
- ↑ Adham Khan's Tomb Delhi, by Patrick Horton, Richard Plunkett, Hugh Finlay. Lonely Planet, 2002. ISBN 1-86450-297-5. Page 127.
- ↑ All About Delhi Delhi, the Capital of India, by Anon. Asian Educational Services, 1997. ISBN 81-206-1282-5.
- ↑ Ashri, Shashi Bhushan (2010). Delhi: A city of cities. Delhi, India: अनुभव प्रकाशन. पृ॰ 38. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-8005-320-2.