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आगस्त कॉम्त

आगस्त कॉम्त
Auguste Comte by Tony Touillon.
व्यक्तिगत जानकारी
जन्म19 जनवरी 1798
Montpellier, France
मृत्यु5 सितम्बर 1857(1857-09-05) (उम्र 59)
Paris, France
वृत्तिक जानकारी
राष्ट्रीयताFrench
प्रमुख विचारPositivism, law of three stages, encyclopedic law, altruism

आगस्त काँत (Auguste Comte ; 19 जनवरी 1798 – 5 सितम्बर 1857) एक फ्रांसीसी विचारक थे। वे समाजशास्त्र के संस्थापकों में से एक हैं। ईसी कारण उन्हे समाजशास्त्र के पिता माना जाता है। उन्होने तथ्यवाद (पॉजिटिविज्म) केविचार का प्रतिपादन किया। उनका दार्शनिक प्रणाली तत्कालीन आधुनिक औद्योगिक समाज के लिए उचित राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को सही करने कि कोशिश कि। व्यावहारिक पहलू कॉत के सभी दार्शनिक और सामाजिक लेखन में दिखाई पड़ता है। कौंप्ट, सैन्ट साइमन से प्रभावित होकर, प्रत्यक्षवाद के अनुशासन को स्थापित किया ताकि फ्रान्स के सामाजिक स्थिति में बदलाव ला सके। काम्ट १९ सदी के प्रमुख, प्रभावशालि विचारक रहे हैं जिन्होने कार्ल मार्क्स, जॉन स्टुअर्ट मिल, जॉर्ज एलियट के विचार को प्रभावित किया है। इनकी समाज विज्ञान और समाज क्रमागत उन्नति के सन्कल्पना ने आने वाले समाज सिद्धांतवादिओ के लिये एक प्रेरनात्मक मंच प्रस्तुत किया है। परिकल्पना और कार्यान्वयन के बीच का समबन्ध काँत की हर सोच में दिखाई पड़ता है, ये हि नहीं, अनुभववाद और तर्कवाद (रेशनलाईज़्म) का समबन्ध समान दुरि पर हमेशा अटल रहे हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

आगस्त काँत का जन्म माँटपेलीयर, फ्रांस में हुआ था। Lycée Joffre और माँटपेलीयर विश्वविद्यालय (University of Montpellier) में पढ़ने के बाद, काँत पैरिस के इकोले पॉलीटेक्निक (École Polytechnique) में प्रवेष किये। सन् १८१६ में इकोले पॉलीटेक्निक बँध हो गया था, उसि समय काँत पेरिस में हमेशा के लिये बस गये। वहाँ एक अनिश्चित जीवन को, गणित और इतिहास पत्रकारिता सिखा के प्राप्त किया। वे ज़्यदातर दर्शनशास्र और इतिहास के बारे में पढा करते थे, पर उनकी रूचि उन विचारकों में थी जो मानव समाज में कुछ सामाजिक शांति लाने के लिने रास्ता ढुनड् रहे थे। कॉम्ट ने तीन अवस्थाओं नियम प्रतिपादित किये जो है 1 विज्ञानों का श्रेणीक्रम(Hierarchy of the Sciences),2स्थैतिक एवं गतिशील समाजशास्त्र (Statistics and Dynamic sociology),3 सकारात्मक पद्धति( The Positive Method)|. Lond lond

आजीविक जीवन

सन् १८२६ में काँत तथ्यवाद पर कई व्याख्यान निजी दर्शकोँ को दिये, परन्तु अचानक तांत्रिक विकार होने के कारण वे अस्पताल में भर्ती हो गये लेकिन उन्कि पत्नी, कैरोलीन Massin जिस से उन्होनें सन् १८२४ में शादी कि, उनकी मदद से वे जल्द स्वस्थ हो गये। उन्होनें जनवरी सन् १८२९ में अध्यापन फिर से शुरु किया, यह समय उनके जीवन के दूसरे पहलू कि शुरुआत मानी जाती है, जो १३ साल तक था।

मानवता के लिये धर्म

काँत ने कुछ साल के पश्चात् "मानवता के लिये धर्म" की स्थापना की। इसमे उनकी पत्नी की प्रभावकारिता थी।

सन्दर्भ

  1. Sutton, Michael (1982). Nationalism, Positivism, and Catholicism. The Politics of Charles Maurras and French Catholics 1890–1914. Cambridge: Cambridge University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0521228689. esp. Chapters 1 and 2

बाहरी कड़ियाँ