असली नकली (1962 फ़िल्म)
असली नकली | |
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निर्देशक | ऋषिकेश मुखर्जी |
लेखक | इन्दर राज आनन्द |
निर्माता | एल॰ बी॰ लक्ष्मण |
अभिनेता | देव आनन्द, साधना, नासिर हुसैन |
संगीतकार | शंकर-जयकिशन |
प्रदर्शन तिथि | 1962 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
असली नकली 1962 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। फिल्म ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित है और इसमें देव आनन्द, साधना, लीला चिटनिस, अनवर हुसैन, संध्या रॉय और केष्टो मुखर्जी ने अभिनय किया है। फिल्म का संगीत शंकर-जयकिशन द्वारा दिया गया है।[1] फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई थी।
संक्षेप
आनन्द (देव आनन्द) अमीर व्यापारी राय बहादुर (नासिर हुसैन) का पोता है। उसके दादा चाहते हैं कि आनन्द की शादी रेखा (इंदिरा) से हो। आनन्द ये नहीं चाहता और अपनी योग्यता साबित करने के लिए अपना घर छोड़ देता है। आनन्द अस्थायी रूप से बॉम्बे बस जाता है और काम खोजने की कोशिश करता है। वह एक सुंदर, शिक्षित युवती रेणु (साधना शिवदासानी) से मिलता है और उससे प्रभावित हो जाता है। वह उसे नौकरी खोजने में मदद करती है, लेकिन वह जल्द ही अपनी अक्षमता के कारण उसे खो देता है। रेणु एक छोटी कंपनी में काम करती है, लेकिन अपनी मां (लीला चिटनिस) से कह रखी है कि वह कॉलेज जाती है। वह अपनी मां से झूठ बोलती है कि उसके पिता उन्हें पैसे भेज रहे हैं। जब आनन्द पूछता है, तो वह बताती है कि वह इस तथ्य को छिपा रही है कि उसके पिता मर चुके हैं क्योंकि उसकी मां उस खबर को बर्दाश्त नहीं कर सकती। आनन्द उससे और प्रभावित होता है और रेनु से उससे शादी करने के लिए कहता है और वह खुशी से सहमत हो जाती है।
लेकिन राय बहादुर को आनन्द के ठिकाने के बारे में पता चल जाता है और वह उससे मिलता है। वह मांग करता है कि आनन्द रेणु को भूल जाए और रेखा से शादी करे, जिससे आनंद असहमत होता है। राय बहादुर, रेणु को ब्लैकमेल करता है कि वह उसकी माँ को उसके पिता की मृत्यु के बारे में बता देगा। कोई रास्ता नहीं होने पर, वह सहमत हो जाती है और आनन्द को उसे भूल जाने के लिए कहती है। रेणु की माँ इस बातचीत को सुनती है और समझ जाती है कि उसका पति अब नहीं है। वह अपने भाग्य को स्वीकार करती है और रेणु से कहती है कि उसे अपनी इच्छा के अनुसार शादी करनी चाहिए। रेणु और आनन्द शादी करते हैं और अंत में, राय बहादुर रेणु को स्वीकार करते हैं और अपनी सारी संपत्ति उसके नाम पर स्थानांतरित कर देते हैं।
मुख्य कलाकार
- देव आनन्द — आनन्द
- साधना — रेणु
- नासिर हुसैन — द्वारकादास
- संध्या रॉय — शांति
- मुकरी — नंदू
- लीला चिटनिस — रेणु की माँ
- अनवर हुसैन — मोहन
- हरी शिवदासानी —
- कैस्टो मुखर्जी —
संगीत
सभी शंकर-जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "कल की दौलत आज की खुशियाँ" | शैलेन्द्र | मोहम्मद रफ़ी | 3:22 |
2. | "छेड़ा मेरे दिल ने तराना" | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफ़ी | 3:12 |
3. | "तुझे जीवन की डोर से" | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | 3:20 |
4. | "एक बुत बनाऊँगा" | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफ़ी | 3:24 |
5. | "तेरा मेरा प्यार अमर" | शैलन्द्र | लता मंगेशकर | 3:11 |
6. | "गोरी जरा हँस दे तू" | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफ़ी | 3:15 |
7. | "लाख छुपाओ छुप ना सकेगा" | हसरत जयपुरी | लता मंगेशकर | 3:19 |
सन्दर्भ
- ↑ "देखिए साधना के टॉप 10 गीत, जिन्हें हम आज तक गुनगुना रहे हैं..." एनडीटीवी इंडिया. मूल से 29 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 दिसम्बर 2019.