असम में श्रेणिबद्ध धमाके
गुरुवार, ३० अक्टूबर, भारत के असम प्रांत की राजधानी गुवाहाटी और १३ अन्य स्थानों पर हुए श्रंखलाबद्ध धमाकों में ६६ से अधिक व्यक्तियों की अब तक मृत्यु हो चुकी है और दो सौ से अधिक लोग घायल हो गए। सभी विस्फोट बृहस्पतिवार सुबह ११:३० से ११:४० बजे के बीच हुए। कोकराझाड़ में तीन जगहों पर, गुवाहाटी में पांच जगहों पर और बोंगाईगांव में तीन व बरपेटा में दो जगहों में धमाके हुए। इसे लेकर असम में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है और लोगों को घरों से नहीं निकले के लिए कहा गया है। वहीं, गणेशगुड़ी में धमाके के बाद गुस्साए लोगों की पुलिस से मुठभेड़ में कई लोग घायल हो गए है। इसके बाद दिसपुर, गणेशगुड़ी व गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। संदेह है कि इन धमाकों में बाह्य संपर्को वाले पूर्वोत्तर के उग्रवादी गुटों को हाथ हो सकता है। इस बीच, उल्फा ने इन विस्फोटों की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। केंद्र ने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की सहायता दिए जाने की मंजूरी दी है। इधर, मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इन धमाकों की कड़ी निंदा की। सूचना है कि केंद्र का एक उच्चस्तरीय दल स्थिति का जायजा लेने के लिए असम आएगा। दल में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।
घटनाक्रम
पहला विस्फोट सुबह ११:३० बजे कोकराझाड़ में बड़ाबाजार, रेलवे गेट व एक होटल के पास नाले में हुआ। यहाँ तीनों धमाकों में लगभग १५ लोगों की मृत्यु हो गई बड़ाबाजार व रेलवे गेट इलाके में मोटरसाइकिल में ग्रेनेड बम रखा गया था। इन विस्फोटों से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस प्रशासन व सुरक्षाकर्मी राहत कार्य में जुटे गए। गुवाहाटी सीजेएम कोर्ट परिसर, फैंसी बाजार, पान बाजार, गणेशगुड़ी स्थित सचिवालय जनता भवन के समीप व एक फ्लाईओवर के नीचे आटोस्टैंड में विस्फोट हुए। यहाँ एक कार व आटो में बम छिपाकर रखे गए थे। गुवाहाटी सीजेएम कोर्ट परिसर में ही डीसी कार्यालय भी है। यहां विस्फोट में छह लोगों की और गणेशगुड़ी में दोनों स्थानों पर लगभग २९ लोगों की मृत्यु हुई है और काफी संख्या में लोग घायल हुए। गणेशगुड़ी फ्लाईओवर के नीचे का विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि वहां खड़ी कारें पूरी तरह जल गईं। आसपास ५०० मीटर की दूरी तक इमारतों के शीशे चटक गए। घायलों को गुवाहाटी काॅलेज में भर्ती कराया गया।
आतंकियों ने शहर के सभी भीड़भाड़ वाले इलाकों को ही अपना निशाना बनाया। कोकराझाड़ में आज बाजार का दिन था और भइयादूज को लेकर काफी भीड़ भाड़ थी, क्योंकि दीपावली को लेकर दो दिन की बंदी के बाद बाजार आज ही खुले थे। यही स्थिति गुवाहाटी के फैंसी बाजार व पान बाजार में भी थी। बोंगाईगांव में तीन स्थानों पर विस्फोट में मरने वालों की सूचना नहीं मिली, जबकि बरपेटा में दो स्थानों पर हुए विस्फोट में ११ लोगों की मौत की सूचना है। यहाँ कई स्थानों से बम भी बरामद किए गए, जिन्हें बाद में निष्क्रिय कर दिया गया। गुवाहाटी में बम विस्फ़ोट होने के बाद कुछ स्थानों पर स्थानीय लोग उत्तेजित हो गए और सरकारी वाहनों में आग लगा दी है जिसके बाद स्थिति पर नियंत्रण के लिए कुछ इलाक़ों में कर्फ्यू लगा दिया है[1] स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करनी पड़ी। विस्फोट के काफी समय बाद फायरबिग्रेड के इंजन मौके पर पहुंचे। इससे स्थानीय लोगों ने पुलिस व फायरबिग्रेड कर्मियों पर पर हमला कर दिया और दमकल व पुलिस वाहनों को फूंक दिया। स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग की। इलाके में भीड़ को हटाने के लिए अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। इलाके में तनाव है। दमकल के विभाग ने अपनी सफ़ाई में बताया कि धमाके के कारण सड़क जाम हो गई, जिससे मौके पर पहुंचने में समय अधिक लगा।
पुलिस ने हमलों के पीछे उग्रवादी गुट उल्फा के हाथ होने की आशंका जताई है, लेकिन कुछ पुलिस अधिकारियों ने कट्टर इस्लामिक गुटों का हाथ होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है। पुलिस ने विस्फोट में आरडीएक्स के इस्तेमाल करने का भी अनुमान लगाया है। नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता ने बताया कि विस्फोटों के स्थलों पर एनएसजी का एक दल भी भेजा जाएगा। विस्फोट की प्रवृत्ति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अपराध विज्ञान विशेषज्ञ विस्फोट स्थलों पर जांच कर रहे हैं। असम में श्रेणीबद्ध बम विस्फोटों के बाद मुंबई सहित महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों में सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है। विस्फोट के बाद समूचे मेघालय में हाई एलर्ट घोषित कर दिया गया है। उल्फा की ओर से जारी एक ई-मेल वक्तव्य में विस्फोटों में किसी तरह की भागीदारी से इनकार करते हुए आरोप लगाया है कि सरकार के अधिकारियों द्वारा जानबूझकर शांति प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए गुट पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं। [2]
सन्दर्भ
- ↑ "उत्तेजित भीड़ ने वाहनों में आग लगाई". बीबीसी. ३० अक्टूबर २००८. मूल से 2 नवंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्तूबर 2008.
- ↑ "फिर खून से लाल हुआ असम, 66 मरे". जागरण. ३० अक्टूबर २००८. मूल से 5 नवंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्तूबर 2008.