यह आठ औषधियों का समूह है, इसमे जीवक-ऋषभक, काकोली-क्षीरकाकोली, मेदा- महामेदा, रिद्धि-वृद्धि यह चार जोड़े शामिल है। ऐसा चरक और भावमिश्र आदि मुनियो ने कहा है।
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