अशोक चक्रधर
अशोक चक्रधर | |
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जन्म | 8 फ़रवरी 1951 खुर्जा |
नागरिकता | भारत |
पेशा | लेखक, कवि, शैक्षणिक व्यक्ती |
वेबसाइट http://chakradhar.in/ |
डॉ॰ अशोक चक्रधर (जन्म ८ फ़रवरी सन् १९५१) हिंदी के विद्वान, कवि एवं लेखक है।[1] हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट प्रतिभा के कारण प्रसिद्ध वे कविता की वाचिक परंपरा का विकास करने वाले प्रमुख विद्वानों में से भी एक है। टेलीफ़िल्म लेखक-निर्देशक, वृत्तचित्र लेखक निर्देशक, धारावाहिक लेखक, निर्देशक, अभिनेता, नाटककर्मी, कलाकार तथा मीडिया कर्मी के रूप में निरंतर कार्यरत अशोक चक्रधर जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंदी व पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर के पद से सेवा निवृत्त होने के बाद केन्द्रीय हिंदी संस्थान[2] तथा हिन्दी अकादमी, दिल्ली[3] के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत रहे। 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया।[4]
जीवन परिचय
अशोक चक्रधर जी का जन्म ८ फ़रवरी, सन १९५१ में खु्र्जा (उत्तर प्रदेश) के अहीरपाड़ा मौहल्ले में हुआ। उनके पिताजी डॉ॰_राधेश्याम_'प्रगल्भ'' अध्यापक, कवि, बाल साहित्यकार और संपादक थे।[5] उन्होंने 'बालमेला' पत्रिका का संपादन भी किया। उनकी माता कुसुम प्रगल्भ गृहिणी थीं। बचपन से ही विद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने में उनकी रुचि थी। बचपन से ही उन्हें अपने कवि पिता का साहित्यिक मार्गदर्शन मिला और उनके कवि-मित्रों की गोष्ठियों के माध्यम से उन्हें कविता लेखन की अनौपचारिक शिक्षा मिली। सन १९६० में उन्होंने रक्षामंत्री 'कृष्णा मेनन' को अपनी पहली कविता सुनाई।
सन १९६२ में सोहन लाल द्विवेदी की अध्यक्षता में अपने पिता द्वारा आयोजित एक कवि सम्मेलन अशोक चक्रधर ने अपने मंचीय जीवन की पहली कविता पढ़कर पं.सोहनलाल द्विवेदी जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। साहित्यिक अभिरुचि के साथ-साथ अपनी पढ़ाई के प्रति भी अशोक चक्रधर काफ़ी सतर्क रहे। सन् १९७० में उन्होंने बी. ए. प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण किया। 1968 में वे मथुरा में आकाशवाणी केन्द्र में ऑडिशंड आर्टिस्ट के रूप में चुने गए। 1972 में उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से हिंदी में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में एम. लिट्. में प्रवेश लिया। इसी बीच 1972 में उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज में प्रध्यापक पद पर नियुक्त मिल गई। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में इन दिनों अनेक गुणात्मक परिवर्तन हुए। उनकी पहली पुस्तक मैकमिलन से 'मुक्तिबोध की काव्य प्रक्रिया' 1975 में प्रकाशित हुई। जोधपुर विश्वविद्यालय ने इस पुस्तक को युवा लेखन द्वारा लिखी गई वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का पुरस्कार दिया। 1975 में उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्राध्यापक के पद पर कार्य प्रारंभ किया, जहाँ वे २००८ तक कार्यरत रहे। उन्होंने प्रौढ़ एवं नवसाक्षरों के लिए विपुल लेखन, नाटक, अनुवाद, कई चर्चित धारावाहिकों, वृत्त चित्रों का लेखन निर्देशन करने के अलावा कंप्यूटर में हिंदी के प्रयोग को लेकर भी महत्वपूर्ण काम किया है।[3]
वे जननाट्य मंच के संस्थापक सदस्य भी हैं। इनका नाटक बंदरिया चली ससुराल नाटक का नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा द्वारा मंचन हो चुका है। इसके निर्देशक श्री राकेश शर्मा तथा रंगमंडल, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय है। और श्री रंजीत कपूर के नाटक 'आदर्श हिन्दू होटल' एवं 'शॉर्टकट' के लिए गीत लेखन भी इन्होंने किया। अशोक चक्रधर ने हिन्दी के विकास में कम्प्यूटर की भूमिका विषयक शताधिक पावर-पाइंट प्रस्तुतियां की हैं और ये हिन्दी सलाहकार समिति, ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार तथा हिमाचल कला संस्कृति और भाषा अकादमी, हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला के भूतपूर्व सदस्य रह चुके हैं। वे साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए विश्व भ्रमण करते रहे हैं।
प्रकाशित कृतियाँ
कविता संग्रह- बूढ़े बच्चे, सो तो है, भोले भाले, तमाशा, चुटपुटकुले, हंसो और मर जाओ, देश धन्या पंच कन्या, ए जी सुनिए, इसलिये बौड़म जी इसलिये, खिड़कियाँ, बोल-गप्पे, जाने क्या टपके, चुनी चुनाई, सोची समझी, जो करे सो जोकर, मसलाराम,
फिल्म एवं दूरदर्शन
महत्त्वपूर्ण दूरदर्शन कार्यक्रम- नई सुबह की ओर, रेनबो फैण्टेसी, कृति में चमत्कृत, हिन्दी धागा प्रेम का, अपना उत्सव, भारत महोत्सव।
अभिनय- अशोक चक्रधर ने डीडी-1 के धारावाहिक बोल बसंतो तथा सोनी एंटरटेनमेंट चैनल (भारत) के धारावाहिक छोटी सी आशा में अभिनय किया है।
फिल्म निर्माण- जीत गई छन्नो, मास्टर दीपचंद (प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय, भारत सरकार), झूमे बाला झूमे बाली (दिल्ली दूरदर्शन केन्द्र), गुलाबड़ी (दिल्ली महानिदेशालय), हाय मुसद्दी, तीन नजारे (ई टी एंड टी, भारत सरकार) बिटिया (एन एफ डी सी, भारत सरकार)
वृत्तचित्र / लेखन-निर्देशन- विकास की लकीरे (सैण्डिट, नई दिल्ली), पंगु गिरि लंघै, गोरा हट जा (फ़िल्म्स डिवीज़न, भारत सरकार), हर बच्चा हो कक्षा पाँच (दूरदर्शन निदेशालय, भारत सरकार), इस ओर है छतेरा (जामिया मिलिया इस्लामिया)।
धारावाहिक लेखन / प्रस्तुति कहकहे, पर्दा उठता है (दिल्ली दूरदर्शन केन्द्र), वंश (आर.के. फ़िल्म्स, मुम्बई), अलबेला सुरमेला, फुलझड़ी ऐक्सप्रैस (सी. पी. सी. दूरदर्शन केन्द्र, नई दिल्ली), बात इसलिये बताई (एन. डी. टी. वी), पोल टॉप टैन, न्यूजी काउंट डाउन (ज़ी इंडिया), चुनाव चालीसा (सहारा समय), वाह वाह (सब टीवी), चुनाव चकल्लस, बजय व्यंग्य (सहारा राष्ट्रीय), चले आओ चक्रधर चमन में (दूरदर्शन)। वृत्तचित्र लेखन- बहू भी बेटी होती है (फ़िल्म्स डिवीज़न, भारत सरकार), जंगल की लय ताल, साड़ियों में लिपटी सदियाँ, साथ-साथ चलें, ये है चारा, ग्रामोदय, ज्ञान का उजाला, वत्सी नाव, रयूमेटिक हृदय होग, घैंघा पाडुराना, एड्रमौंटी टापू, छोटा नागपुर जल और थल, लोकोत्सव, नगर विकास (सैण्डिट, नई दिल्ली)।
अंतर्राष्ट्रीय समारोह सहभागिता
अशोक चक्रधर जी ने साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए अमेरिका, इंग्लैंड, सोवियत संघ, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर, हांगकांग, नेपाल, युनाइटेड अरब अमीरात, जर्मनी, इटली, फिलिस्तीन, इज़राइल, ओमान, ट्रिनिडाड एंड टोबैगो, कनाडा, हॉलैण्ड, सूरीनाम, रूस, केन्या ईस्ट अफ्रीका, उज़्बेकिस्तान, जापान, पाकिस्तान आदि की यात्राएँ की हैं।
वर्ष | समारोह | स्थान |
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पुरस्कार और सम्मान
क्रमांक | वर्ष | पुरस्कार / सम्मान |
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प्रसिद्ध व्यक्तियों के विचार
क्रम | नाम | प्रकाशन | सन |
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1- | बूढ़े बच्चे | प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय, भारत सरकार | 1979 |
2- | सो तो है | प्रलेक प्रकाशन, नई दिल्ली, | 1983 |
3- | भोले भाले | हिन्दी साहित्य निकेतन | 1984 |
4- | तमाशा | हिन्दी साहित्य निकेतन | 1986 |
5- | चुटपुटकुले | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 1988 |
6- | हंसो और मर जाओ | हिन्दी साहित्य निकेतन | 1990 |
7- | देश धन्या पंच कन्या | प्राची प्रकाशन, नई दिल्ली | 1997 |
8- | ए जी सुनिए | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 1997 |
9- | इसलिए बौड़म जी इसलिए | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 1997 |
10- | खिड़कियां | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 2001 |
11- | बोल-गप्पे | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 2001 |
12- | जाने क्या टपके | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली, | 2001 |
13- | चुनी चुनाई | प्रतिभा प्रतिष्ठान, नई दिल्ली | 2002 |
14- | सोची समझी | प्रतिभा प्रतिष्ठान, नई दिल्ली | 2002 |
15- | जो करे सो जोकर | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 2007 |
16- | मसलाराम | पेंगुइन प्रकाशन |
“ | अशोक की कहन में बड़ी शक्ति है और यह हमारी भाषा की, हमारे देश की और हमारी जनता की शक्ति है। | ” |
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—पद्मश्री काका हाथरसी |
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| ” |
“ | बहुमुखी प्रतिभा के धनी, शब्दों के जादूगर अशोक चक्रधर का कृतित्व अपने-आपमें एक करिश्मा है। | ” |
“ | अंग्रेज़ी में एक कहावत है 'जैक ऑफ़ ऑल, मास्टर ऑफ़ नन'। अशोक चक्रधर मंचीय काव्य-जगत में एकमात्र ऐसा नाम है, जिसने इस कहावत को झूठा साबित करके दिखा दिया है। वह 'जैक ऑफ़ ऑल' भी हैं तथा 'मास्टर ऑफ़ ऑल' भी हैं। | ” |
—हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा |
“ | जैसे शायरी ज़िंदगी के होठों की हल्की सी मुस्कान है, उसी तरह शायरी के होठों पर जो हल्की सी मुस्कान है, उसका नाम 'अशोक चक्रधर' है। | ” |
“ |
| ” |
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ बचपन एक समंदर,666 (प्रतिनिधि बाल कविताएँ),. 252, नया आवास विकास, सहारनपुर (उ०प्र०) २४७००१: नीरजा स्मृति बाल साहित्य न्यास. 2009. पृ॰ 518. नामालूम प्राचल
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(मदद)सीएस1 रखरखाव: स्थान (link) - ↑ [1] Archived 2012-10-13 at the वेबैक मशीन केन्द्रीय हिंदी संस्थान
- ↑ अ आ [2] Archived 2013-10-29 at the वेबैक मशीन देशबंधु समाचार पत्र
- ↑ "पद्म पुरस्कारों की घोषणा". नवभारत टाईम्स. 25 जनवरी 2013. मूल से 2 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जनवरी 2014.
- ↑ [3] Archived 2016-01-17 at the वेबैक मशीन मधुमती राजस्थान साहित्य अकादमी की पत्रिका