अल्लाह जिलाई बाई
अल्लाह जिलाई बाई (अंग्रेजी में: Allah Jilai Bai) लोकप्रिय राजस्थानी मांड गायिका थी. अल्लाई जिलाई बाई का जन्म 1 फरवरी 1902 को बीकानेर राजस्थान में हुआ था. महाराजा गंगासिंह के दरबार में इन्होंने गायिकी की. हुसैनबक्श लंगड़े ने इनकी गायिकी को निखारा. मात्र तेरह वर्ष की आयु में ही इन्होंने राजगायिका की पदवी प्राप्त कर ली थी. यह मांड गायिकी के अलावा ठुमरी,ख्याल और दादरा की उम्दा कलाकार थी. केसरिया बालम, बाई सा रा बीरा, काली काली काजलिये री रेख, झालो दियो जाय इनके लोकप्रिय गीत हैं. इनकी मृत्यु के बाद सरकार द्वारा इन्हें राजस्थान रत्न सम्मान देने की घोषणा की.[1] 1982 में इन््हें पद्म्मश्री पुुरस््कार से नवाजा गया।