अल्पाइन जलवायु
अल्पाइन जलवायु उस ऊँचाई की जलवायु को कहते हैं जो वृक्ष रेखा के ऊपर हो। किसी जगह की जलवायु अल्पाइन है तभी कहा जा सकता है जब वहाँ किसी भी महीने का औसत तापमान १०° सेल्सियस से ऊपर नहीं होता है।
विवरण
जैसे-जैसे ऊँचाई बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे तापमान में गिरावट आती है। इसकी वजह है हवा की गिरावट दर। प्रति किलोमीटर ऊँचाई में तापमान १०° सेल्सियस गिरता है।[1] इसकी वजह यह है कि ऊँचाई में हवा ठंडी होती जाती है क्योंकि दबाव कम होने के कारण वह फैलती है।[2]
अतः पहाड़ों में १०० मीटर ऊँचा जाना तकरीबन अक्षांश में ८० किलोमीटर ध्रुव की ओर जाने के बराबर होता है,[3] हालांकि यह ताल्लुक महज़ अन्दाज़ा है क्योंकि स्थानीय कारण भी, जैसे समुद्र से स्थान की दूरी इत्यादि, जलवायु को बड़े पैमाने में प्रभावित करते हैं।[4] मुख्य रूप से इन इलाकों में हिमपात ही होता है जो अक्सर तेज़ गति की हवाओं के साथ होता है।
अल्पाइन जलवायु वाले पहाड़ी क्षेत्रों में, प्रमुख बायोम अल्पाइन टुण्ड्रा होता है।
सन्दर्भ
- ↑ "Adiabatic Lapse Rate". Goldbook. IUPAC. मूल से 21 जुलाई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 नवम्बर 2012.
- ↑ Lazaridis, Mihalis (2010). First Principles of Meteorology and Air Pollution. स्प्रिंगर. पृ॰ 70. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9400701618.
- ↑ "Mountain Environments" (PDF). संयुक्त राष्ट्र Environment Programme World Conservation Monitoring Centre. मूल (PDF) से 25 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 नवंबर 2012.
- ↑ "Factors affecting climate". The United Kingdom Environmental Change Network. मूल से 16 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 नवंबर 2012.