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अलीवर्दी खान

इनके पुत्र का नाम शौकतजंग था

अलीवर्दी खान (1671 – 9 अप्रैल 1756) , सन १७४० से १७५६ तक बंगाल का नवाब था।

  • 1740 ईo में अलीवर्दी खा बंगाल का नवाब बना।
  • अली-वर्दी-खान ने २ करोड़ रुपए मुग़ल बादशाह को देकर नवाब के पद के वैधानिकता को प्राप्त किया ।
  • इसने अपने १६ साल के कार्यकाल में कभी भी मुग़ल राजकोष में कोई भी राजस्व का कोई भी हिस्सा जमा नहीं किया ।
  • इसी के समय में मराठों ने बंगाल पे आक्रमण किया और अली-वर्दी-खान से उड़ीसा छिन कर ले गए और बिहार और बंगाल की चौथ के रूप में १२०००० वार्षिक तय हुआ । ये संधि १७५१ में मराठा सरदार रघु जी भोंसले के साथ हुयी ।
  • इस आकमण का लाभ उठाकर अंग्रेजो ने फ़ोर्ट विलियम के चारों ओर खाई बना दी , अलिवर्दी खान में मुग़ल बादशाह को दस्तक {३००० रुपए के बदले बंगाल में कर मुक्त व्यापार } निरस्त करने के लिये पत्र लिखा लेकिन इस पत्र का कोई भी उत्तर नहीं आया ।

अंग्रेजो के साथ इसके अच्छे सम्बन्ध थे लेकिन इसने अंग्रेजो को दुर्गीकरण (किल-बन्दी ) करने का अधिकार नहीं दिया।इसने युरोपीयो की तुलना " मधुमक्खियों " से की। "यदि इन्हे न छेड़ा जाय तो ये शहद देगें, यदि इन्हे छेड़ा गया तो काट-काट कर मार देगें।

  • १७५६ में अलिवर्दी खान की म्रत्यु हो गयी ।
  • इनकी मृत्यु के बाद इनका दौहित्र (पुत्री का पुत्र) सिराजुद्दौला उत्तराधिकारी बना।

सन्दर्भ