अलीबाग कोंकण क्षेत्र में, महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर, अरब सागर के किनारे बसा हुआ एक छोटा-सा शहर है। 17वीं शताब्दी में बनी इस जगह की उन्नति छत्रपति शिवाजी महाराज ने की थी। 1852 में इसे एक तालुका घोषित किया गया। 'महाराष्ट्र का गोआ' तीन तरफ से पानी से घिरे होने के कारण अलीबाग में बहुत सारे सुंदर तट हैं। सभी तटों के किनारे नारियल और सुपारी के पेड़ होने से सारा इलाका किसी उष्णकटिबंधीय समुद्र तट जैसा लगता है। यहाँ का मौसम बहुत सुहावना होता है और तट बिल्कुल अनछुए से लगते हैं। यहाँ की हवा प्रदूषणरहित व ताज़ी है और तटों का दृष्य किसी स्वर्ग जैसा लगता है। अलीबाग बालूतट पर काली रेत आश्चर्यचकित करती है। अलीबाग एक तटीय शहर है, इसलिए यहाँ के स्थानीय व्यंजन मछली से बने होते हैं। मौसम सुहावना रहता है जहाँ तापमान न बहुत ज्यादा होता है और न बहुत कम। अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस होता है। यहाँ आने के लिए सर्दियाँ सबसे अच्छा व उपयुक्त समय होता है। मुंबई से 30 किमी दूर अलीबाग, परिवहन के सभी साधनों, जैसे रेल, वायु और सड़क से भलीभाँति जुड़ा है। मुंबई का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और पेन का रेलवे स्टेशन इसके सबसे निकट है। तसच श्री ५१ शक्तिपीठांपैकी एक पूर्ण शक्तिपीठ असलेल्या श्री पदमक्षी रेणुका देवीचे स्थान आहे अलिबाग. तसच ते पर्यटक स्थळ असून आई पदमाक्षी ला कोकणची भवानी महणून ओळखली जाते
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