अलबर्ट एक्का
लांस नायक अलबर्ट एक्का परमवीर चक्र | |
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अलबर्ट एक्का | |
जन्म | 27 दिसम्बर 1942 गुमला, झारखण्ड (तत्कालीन बिहार), भारत |
देहांत | दिसम्बर 3, 1971 गंगासागर, पश्चिम बंगाल | (उम्र 28)
निष्ठा | भारत |
सेवा/शाखा | भारतीय सेना |
सेवा वर्ष | 1962-1971 |
उपाधि | लांस नायक |
दस्ता | 14 गार्ड्स |
युद्ध/झड़पें | हिली का युद्ध भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 |
सम्मान | परमवीर चक्र |
लांस नायक अलबर्ट एक्का (27 दिसम्बर 1942 - 3 दिसम्बर 1971) एक भारतीय सैनिक थे जो भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 में हिली की लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हो गए थे। इन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
प्रारम्भिक जीवन
अलबर्ट एक्का का जन्म 27 दिसम्बर, 1942 को झारखंड के गुमला जिला के जारी ब्लाक के जारी गांव में हुआ था।[1] उनके पिता का नाम जूलियस एक्का, माँ का नाम मरियम एक्का और पत्नी का नाम बलमदीन एक्का था।[2] उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सी सी स्कूल पटराटोली से की थी और माध्यमिक परीक्षा भिखमपुर मिडल स्कूल से पास की थी। इनका जन्म स्थल जारी गांव चैनपुर तहसील के समीप में पड़ने वाला एक आदिवासी क्षेत्र है जो झारखण्ड राज्य का हिस्सा है। एल्बर्ट की दिली इच्छा भारतीय सेना में जाने की थी, जो दिसंबर 1962 को पूरी हुई।
सैन्य जीवन
उन्होंने सेना में बिहार रेजिमेंट से अपना कार्य शुरू किया। बाद में जब 14 गार्ड्स का गठन हुआ, तब एल्बर्ट अपने कुछ साथियों के साथ वहाँ स्थानांतरित कर किए गए। एल्बर्ट एक अच्छे योद्धा तो थे ही, यह हॉकी के भी अच्छे खिलाड़ी थे। भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 में अलबर्ट एक्का वीरता, शौर्य और सैनिक हुनर का प्रदर्शन करते हुए अपने इकाई के सैनिकों की रक्षा की थी। इस अभियान के समय वे काफी घायल हो गये और ३ दिसम्बर १९७१ में इस दुनिया से विदा हो गए। भारत सरकार ने इनके बलिदान को देखते हुए मरणोपरांत सैनिकों को दिये जाने वाले उच्चतम सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया था।[3]
सन्दर्भ
- ↑ Web, Real Time (३ दिसम्बर २०१७). "हाथ में बम लेकर पाकिस्तान में घुस गया था ये जवान, उड़ा दिए थे 3 बंकर". dainikbhaskar. मूल से 5 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ४ अप्रैल २०१८.
- ↑ "VIDEO: शहीद अल्बर्ट एक्का की पत्नी को किया गया सम्मानित– News18 Hindi". News18 India. २६ जनवरी २०१८. मूल से 5 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ४ अप्रैल २०१८.
- ↑ "VIDEO: देखें पाकिस्तान में घुसकर दुश्मनों को मारने वाले झारखंड के वीरता की कहानी". प्रभात खबर. अभिगमन तिथि ३ दिसंबर २०२३.