सामग्री पर जाएँ

अलजाइमर रोग

अल्जाइमर रोग
वर्गीकरण एवं बाह्य साधन
सामान्य वय मस्तिष्क (बायें) और एक अल्ज़ाइमर रोगी के मस्तिष्क की तुलना। अंतर चिह्नित हैं।
आईसीडी-१०G30., F00.
आईसीडी-331.0, 290.1
ओएमआईएम104300
डिज़ीज़-डीबी490
मेडलाइन प्लस000760
ईमेडिसिनneuro/13 
एम.ईएसएचD000544

अल्जाइमर रोग (अंग्रेज़ी:Alzheimer's Disease) रोग 'भूलने का रोग' है। इसका नाम अलोइस अल्जाइमर पर रखा गया है, जिन्होंने सबसे पहले इसका विवरण दिया। इस बीमारी के लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आना तथा फिर इसकी वजह से सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की गंभीर स्थिति आदि शामिल हैं। रक्तचाप, मधुमेह, आधुनिक जीवनशैली और सर में कई बार चोट लग जाने से इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ जाती है। अमूमन ६० वर्ष की उम्र के आसपास होने वाली इस बीमारी का फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है।

हालाँकि बीमारी के शुरूआती दौर में नियमित जाँच और इलाज से इस पर काबू पाया जा सकता है। मस्तिष्क के स्नायुओं के क्षरण से रोगियों की बौद्धिक क्षमता और व्यावहारिक लक्षणों पर भी असर पड़ता है।

हम जैसे-जैसे बूढ़े होते जाते हैं, हमारी सोचने और याद करने की क्षमता भी कमजोर होती जाती है। लेकिन इसका गंभीर होना और हमारे दिमाग के काम करने की क्षमता में गंभीर बदलाव उम्र बढ़ने का सामान्य लक्षण नहीं है। यह इस बात का संकेत है कि हमारे दिमाग की कोशिकाएं मर रही हैं।

दिमाग में एक सौ अरब कोशिकाएं (न्यूरॉन) होती हैं। हरेक कोशिका बहुत सारी अन्य कोशिकाओं से संवाद कर एक नेटवर्क बनाती हैं। इस नेटवर्क का काम विशेष होता है। कुछ सोचती हैं, सीखती हैं और याद रखती हैं। अन्य कोशिकाएं हमें देखने, सुनने, सूंघने आदि में मदद करती हैं। इसके अलावा अन्य कोशिकाएं हमारी मांसपेशियों को चलने का निर्देश देती हैं।

अपना काम करने के लिए दिमाग की कोशिकाएं लघु उद्योग की तरह काम करती हैं। वे सप्लाई लेती हैं, ऊर्जा पैदा करती हैं, अंगों का निर्माण करती हैं और बेकार चीजों को बाहर निकालती हैं। कोशिकाएं सूचनाओं को जमा करती हैं और फिर उनका प्रसंस्करण भी करती हैं। शरीर को चलते रहने के लिए समन्वय के साथ बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन और ईंधन की जरूरत होती है।

अल्जाइमर रोग में कोशिकाओं की उद्योग का हिस्सा काम करना बंद कर देता है, जिससे दूसरे कामों पर भी असर पड़ता है। जैसे-जैसे नुक्सान बढ़ता है, कोशिकाओं में काम करने की ताकत कम होती जाती है और अंततः वे मर जाती हैं।

लक्षण

  • यह बढ़ने वाला और खतरनाक दिमागी रोग है।
  • अल्जाइमर से दिमाग की कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं, जिसके कारण याददाश्त, सोचने की शक्ति और अन्य व्यवहार बदलने लगते हैं। इसका असर सामाजिक जीवन पर पड़ता है।
  • समय बीतने के साथ यह बीमारी बढ़ती है और खतरनाक हो जाती है।
  • यह याददाश्त खोने (डीमेंशिया) का सबसे सामान्य रूप है। अन्य बौद्धिक गतिविधियाँ भी कम होने लगती हैं, जिससे प्रतिदिन के जीवन पर असर पड़ता है।

10 चेतावनी संकेत

  • याददाश्त खोना – हाल ही में सीखी गयी सूचना को भूलना डीमेंशिया का सबसे सामान्य आरंभिक लक्षण है। व्यक्ति अक्सर भूलने लगता है और बाद में उसे याद नहीं कर पाता।
  • सामान्य कामकाज करने में कठिनाई- डीमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति दैनिक कामकाज की योजना बनाने और उन्हें कार्यान्वित करने में अक्सर कठिनाई महसूस करता है। कई व्यक्ति तो खाना बनाने में अपनाये जाने वाले कदम या टेलीफोन करने या कोई खेल खेलने में भी कठिनाई महसूस करता है।
  • भाषा के साथ समस्या- अल्जाइमर बीमारी का मरीज साधारण शब्द या असामान्य समानार्थक शब्द भूलने लगता है और उसकी बोली या लिखावट अस्पष्ट होती जाती है। उदाहरण के लिए वह टूथब्रश भूल जाता है और अपने मुँह के लिए वह चीज माँगता है।
  • समय और स्थान में असमन्वय- अल्जाइमर का मरीज अपने पड़ोस में भी खो जाता है। वह यह भूल जाता है कि वह कहाँ है, वहाँ वह कैसे आया और घर वापस कैसे जाना है।
  • निर्णय लेने में कठिनाई या गलत निर्णय- अल्जाइमर का मरीज अनाप-शनाप कपड़े पहन सकता है, गरमी में बहुत से कपड़े या ठंड में काफी कम कपड़े। उसके निर्णय लेने की क्षमता कम होती है। वह अंजान लोगों को बहुत सारे पैसे दे सकता है।
  • संक्षिप्त सोच में समस्या- अल्जाइमर का मरीज कठिन मानसिक कार्यों में असामान्य कठिनाई महसूस करने लगता है, जैसे वह यह नहीं समझ पाता कि कोई संख्या क्यों है और उनका उपयोग कैसे किया जाता है।
  • चीजों को यत्र-तत्र रखना- अल्जाइमर का मरीज चीजों को यत्र-तत्र रख देता है। उदाहरण के लिए वह आयरन (इस्तरी) को फ्रिज में रख सकता है।
  • मूड या स्वभाव में बदलाव- अल्जाइमर का मरीज अपने स्वभाव में तेजी से बदलाव प्रदर्शित करता है। जैसे वह अकारण ही रोने या गुस्सा करने या हंसने लग जाता है।
  • व्यक्तित्व में बदलाव- डीमेंसिया से पीड़ित व्यक्ति नाटकीय ढंग से बदल सकता है। वह बेहद उलझनपूर्ण, संदेह करनेवाला, भयभीत या किसी परिजन पर अत्यधिक निर्भर बन जाता है।
  • प्रयास करने में अक्षमता- अल्जाइमर का मरीज बेहद निष्क्रिय, टीवी के सामने घंटों बैठनेवाला, बहुत अधिक सोनेवाला या सामान्य गतिविधियों को पूरा करने में अनिच्छुक हो सकता है।

यदि आप खुद में या अपने किसी परिजन में इनमें से कोई चेतावनी संकेत देखें, तत्काल किसी चिकित्सक से संपर्क करें। अल्जाइमर या डीमेंशिया पैदा करने वाली अन्य गड़बड़ियों की समय रहते पहचान और उनका इलाज, सहयोग तथा समर्थन बेहत महत्वपूर्ण है।

पटिया/फलक (प्लेक) और लट (टैंगल) की भूमिका

स्नायु कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने और मारने के लिए दो संदिग्ध तत्वों पटिया/ फलक (प्लेक) और लट (टैंगल) की पहचान हुई है। प्लेक स्नायु तंत्र के बीच में बनते हैं और टैंगल मरती हुई कोशिकाओं में रेशे के रूप में पाये जाते हैं। हालाँकि अधिकांश लोगों में उम्र बढ़ने के साथ प्लेक और टैंगल पैदा होने लगते हैं, अल्जाइमर के रोगी में इनकी संख्या बहुत अधिक होती है। प्लेक और टैंगल उन क्षेत्रों में अधिक बनते हैं, जहाँ से सीखने या याद रखने की क्षमता पैदा होती है और बाद में यह दूसरे क्षेत्रों में फैलता है।

निवारण

अल्जाइमर रोग
अल्जाइमर रोग

इसका अभी कोई इलाज नहीं है। लेकिन लक्षणों का इलाज और उचित देखभाल, मदद आदि से अल्जाइमर के रोगियों का जीवन बेहतर बनाया जा सकता है। इस बात का कोई निश्चित प्रमाण नहीं है कि कोई विशेष उपाय अल्जाइमर रोग को रोकने में कारगर है। [1] अल्जाइमर रोग की शुरुआत को रोकने या देरी करने के उपायों के वैश्विक अध्ययन ने अक्सर असंगत परिणाम उत्पन्न किए हैं। महामारी विज्ञान के अध्ययनों ने कुछ परिवर्तनीय कारकों जैसे आहार, हृदय जोखिम, दवा उत्पाद, या दूसरों के बीच बौद्धिक गतिविधियों, और अल्जाइमर रोग विकसित होने की आबादी की संभावना के बीच संबंधों का प्रस्ताव दिया है। नैदानिक परीक्षणों सहित केवल आगे के शोध से पता चलेगा कि क्या ये कारक अल्जाइमर रोग को रोकने में मदद कर सकते हैं।

इलाज

हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और धूम्रपान जैसे कार्डियोवस्कुलर जोखिम कारक इस रोग के शुरू होने और बिगड़ने के एक उच्च जोखिम के साथ जुड़े हुए हैं। [2] रक्तचाप की दवाएँ जोखिम को कम कर सकती हैं। [3] स्टैटिन, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं, हालांकि, इस बीमारी को रोकने या सुधारने में प्रभावी नहीं हैं। [4]

गैर-स्टेरायडल विरोधी भड़काऊ दवाओं (NSAIDs) के दीर्घकालिक उपयोग को 2007 में इस रोग के विकास की कम संभावना के साथ जोड़ा गया था। [5] साक्ष्य ने यह भी सुझाव दिया कि NSAIDs एमाइलॉइड सजीले टुकड़े से संबंधित सूजन को कम कर सकते हैं, लेकिन उच्च प्रतिकूल घटनाओं के कारण परीक्षणों को निलंबित कर दिया गया। [13] कोई रोकथाम परीक्षण पूरा नहीं हुआ है। वे एक उपचार के रूप में उपयोगी नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन 2011 के रूप में माना जाता था कि वे राष्ट्रपति के रूप में उम्मीदवार थे। [6] रजोनिवृत्ति में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, हालांकि पहले उपयोग किया जाता है, मनोभ्रंश का खतरा बढ़ सकता है। [7]

आहार

घटकों पर निष्कर्ष कई बार पता लगाना मुश्किल हो गया है क्योंकि परिणाम जनसंख्या आधारित अध्ययन और यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षणों के बीच भिन्न हो गए हैं। सीमित प्रमाण हैं कि अल्कोहल, विशेष रूप से रेड वाइन के हल्के से मध्यम उपयोग, अल्जाइमर रोग के कम जोखिम के साथ जुड़ा हुआ है। अस्थायी सबूत हैं कि कैफीन सुरक्षात्मक हो सकता है। [8] फ्लेवोनोइड्स जैसे कोको, रेड वाइन और चाय में उच्च खाद्य पदार्थों की संख्या रोग के जोखिम को कम कर सकती है।[9]


विटामिन और खनिजों के उपयोग पर समीक्षाओं में उन्हें सिफारिश करने के लिए पर्याप्त सुसंगत साक्ष्य नहीं मिले हैं। इसमें विटामिन ए, [10]सी, [11]विटामिन ई का अल्फ़ा-टोकोफ़ेरॉल रूप, [12] सेलेनियम, जस्त, और इसके बिना फोलिक एसिड विटामिन बी 12। [13] एक यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण से साक्ष्य ने संकेत दिया कि विटामिन ई के अल्फा-टोकोफ़ेरॉल रूप में संज्ञानात्मक गिरावट धीमी हो सकती है,[14] इस सबूत को गुणवत्ता में "मध्यम" होने का अनुमान लगाया गया था। फोलिक एसिड (बी 9) और अन्य बी विटामिन की जांच करने वाले परीक्षण संज्ञानात्मक गिरावट के साथ कोई महत्वपूर्ण संबंध दिखाने में विफल रहे। [15] पौधों और मछलियों और ओमेगा -3 फैटी एसिड की खुराक और आहार संबंधी डोसोएसाएनेओइक एसिड (डीएचए) से, हल्के से मध्यम अल्जाइमर रोग से पीड़ित लोगों को लाभ नहीं होता है। [16]

2010 में करक्यूमिन ने लोगों में लाभ नहीं दिखाया था, भले ही जानवरों में अस्थायी सबूत हो। [17] असंगत और असंबद्ध सबूत थे कि जिन्कगो का संज्ञानात्मक हानि और मनोभ्रंश पर कोई सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। [१६ ९] 2008 तक, कोई ठोस सबूत नहीं था कि कैनबिनोइड्स इस रोग और मनोभ्रंश के लक्षणों को सुधारने में प्रभावी हैं; [18] हालांकि, एंडोकैनाबिनोइड्स में कुछ शोध आशाजनक दिखे। [19] हालांकि, एंडोकेनाबिनोइड्स में कुछ शोध आशाजनक दिखे.[20]

सन्दर्भ

  1. Hsu D, Marshall GA (2017). "Primary and Secondary Prevention Trials in Alzheimer Disease: Looking Back, Moving Forward". Current Alzheimer Research. 14 (4): 426–40. PMID 27697063. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1567-2050. डीओआइ:10.2174/1567205013666160930112125. पी॰एम॰सी॰ 5329133.
  2. Patterson C, Feightner JW, Garcia A, Hsiung GY, MacKnight C, Sadovnick AD (February 2008). "Diagnosis and treatment of dementia: 1. Risk assessment and primary prevention of Alzheimer disease". CMAJ. 178 (5): 548–56. PMID 18299540. डीओआइ:10.1503/cmaj.070796. पी॰एम॰सी॰ 2244657.
  3. Ding, Jie; Davis-Plourde, Kendra L; Sedaghat, Sanaz; Tully, Phillip J; Wang, Wanmei; Phillips, Caroline; Pase, Matthew P; Himali, Jayandra J; Gwen Windham, B; Griswold, Michael; Gottesman, Rebecca; Mosley, Thomas H; White, Lon; Guðnason, Vilmundur; Debette, Stéphanie; Beiser, Alexa S; Seshadri, Sudha; Arfan Ikram, M; Meirelles, Osorio; Tzourio, Christophe; Launer, Lenore J (November 2019). "Antihypertensive medications and risk for incident dementia and Alzheimer's disease: a meta-analysis of individual participant data from prospective cohort studies". The Lancet Neurology. 19 (1): 61–70. PMID 31706889. डीओआइ:10.1016/S1474-4422(19)30393-X.
  4. Reiss AB, Wirkowski E (2007). "Role of HMG-CoA reductase inhibitors in neurological disorders : progress to date". Drugs. 67 (15): 2111–20. PMID 17927279. डीओआइ:10.2165/00003495-200767150-00001.
  5. Szekely CA, Town T, Zandi PP (2007). NSAIDs for the chemoprevention of Alzheimer's disease. Sub-Cellular Biochemistry. Subcellular Biochemistry. 42. पपृ॰ 229–48. PMID 17612054. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4020-5687-1. डीओआइ:10.1007/1-4020-5688-5_11.
  6. Hoozemans JJ, Veerhuis R, Rozemuller JM, Eikelenboom P (February 2011). "Soothing the inflamed brain: effect of non-steroidal anti-inflammatory drugs on Alzheimer's disease pathology". CNS & Neurological Disorders Drug Targets. 10 (1): 57–67. PMID 21143138. डीओआइ:10.2174/187152711794488665.
  7. Marjoribanks J, Farquhar C, Roberts H, Lethaby A, Lee J (January 2017). "Long-term hormone therapy for perimenopausal and postmenopausal women". The Cochrane Database of Systematic Reviews. 1: CD004143. PMID 28093732. डीओआइ:10.1002/14651858.CD004143.pub5. पी॰एम॰सी॰ 6465148.
  8. Santos C, Costa J, Santos J, Vaz-Carneiro A, Lunet N (2010). "Caffeine intake and dementia: systematic review and meta-analysis". Journal of Alzheimer's Disease. 20 Suppl 1: S187–204. PMID 20182026. डीओआइ:10.3233/JAD-2010-091387.
  9. Nehlig A (March 2013). "The neuroprotective effects of cocoa flavanol and its influence on cognitive performance". British Journal of Clinical Pharmacology (Review). 75 (3): 716–27. PMID 22775434. डीओआइ:10.1111/j.1365-2125.2012.04378.x. पी॰एम॰सी॰ 3575938.
  10. Ono K, Yamada M (April 2012). "Vitamin A and Alzheimer's disease". Geriatrics & Gerontology International (Review). 12 (2): 180–88. PMID 22221326. डीओआइ:10.1111/j.1447-0594.2011.00786.x.
  11. Heo JH, Lee KM (March 2013). "The possible role of antioxidant vitamin C in Alzheimer's disease treatment and prevention". American Journal of Alzheimer's Disease and Other Dementias (Review). 28 (2): 120–25. PMID 23307795. डीओआइ:10.1177/1533317512473193.
  12. Farina N, Llewellyn D, Isaac MG, Tabet N (April 2017). "Vitamin E for Alzheimer's dementia and mild cognitive impairment". The Cochrane Database of Systematic Reviews. 4: CD002854. PMID 28418065. डीओआइ:10.1002/14651858.CD002854.pub5. पी॰एम॰सी॰ 6478142.
  13. Malouf R, Grimley Evans J (October 2008). "Folic acid with or without vitamin B12 for the prevention and treatment of healthy elderly and demented people". The Cochrane Database of Systematic Reviews (4): CD004514. PMID 18843658. डीओआइ:10.1002/14651858.CD004514.pub2.
  14. "New Simple Blood Test May Help In Identifying Alzheimer's Disease". Esxnews. 2018-08-03. मूल से 21 मार्च 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अप्रैल 2020.
  15. Wald DS, Kasturiratne A, Simmonds M (June 2010). "Effect of folic acid, with or without other B vitamins, on cognitive decline: meta-analysis of randomized trials". The American Journal of Medicine. 123 (6): 522–527.e2. PMID 20569758. डीओआइ:10.1016/j.amjmed.2010.01.017.
  16. Cunnane SC, Chouinard-Watkins R, Castellano CA, Barberger-Gateau P (January 2013). "Docosahexaenoic acid homeostasis, brain aging and Alzheimer's disease: Can we reconcile the evidence?". Prostaglandins, Leukotrienes, and Essential Fatty Acids. 88 (1): 61–70. PMID 22575581. डीओआइ:10.1016/j.plefa.2012.04.006.
  17. Hamaguchi T, Ono K, Yamada M (October 2010). "REVIEW: Curcumin and Alzheimer's disease". CNS Neuroscience & Therapeutics (review). 16 (5): 285–97. PMID 20406252. डीओआइ:10.1111/j.1755-5949.2010.00147.x. पी॰एम॰सी॰ 6493893.
  18. Birks J, Grimley Evans J (January 2009). "Ginkgo biloba for cognitive impairment and dementia". The Cochrane Database of Systematic Reviews (1): CD003120. PMID 19160216. डीओआइ:10.1002/14651858.CD003120.pub3.
  19. Krishnan S, Cairns R, Howard R (April 2009). Krishnan S (संपा॰). "Cannabinoids for the treatment of dementia". The Cochrane Database of Systematic Reviews (2): CD007204. PMID 19370677. डीओआइ:10.1002/14651858.CD007204.pub2.
  20. Bilkei-Gorzo A (December 2012). "The endocannabinoid system in normal and pathological brain ageing". Philosophical Transactions of the Royal Society of London. Series B, Biological Sciences. 367 (1607): 3326–41. PMID 23108550. डीओआइ:10.1098/rstb.2011.0388. पी॰एम॰सी॰ 3481530.

बाहरी कड़ियाँ