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अर्धायु काल

, क्षय होते हुए किसी तत्त्व का वो काल होता है; जिसमें वो तत्त्व मूल मात्रा से आधा हो जाये। ये नाम पहले अस्थिर परमाणुओं (रेडियोधर्मी क्षय) के लिए प्रयोग किया जाता था, किन्तु अब इसे किसी भी निश्चित क्षय वाले तत्त्व के लिए प्रयोग किया जाता है।

यह मूल शब्द १९०७ में अर्धायु काल के नाम से प्रयुक्त हुआ था, जिसे बाद में १९५० में घटा कर अर्धायु कर दिया गया।

अर्धायुओं
की संख्या
(बीती हुई)
अंश
शेष
प्रतिशत
शेष
01/1100
11/250
21/425
31/812.5
41/166.25
51/323.125
61/641.563
71/1280.781
.........
n1/(2n)100/(2n)

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ