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अर्देशिर ईरानी

अर्देशिर ईरानी
जन्म अर्देशिर ईरानी
5 दिसम्बर 1886
पुणे, ब्रिटिश इंडिया
मौत 14 अक्टूबर 1969(1969-10-14) (उम्र 82)
मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
प्रसिद्धि का कारणआलम आरा (पहला भारतीय ध्वनि युक्त चलचित्र)
किसान कन्या (पहला भारतीय रंगीन चलचित्र)
धर्मपारसी धर्म

अर्देशिर ईरानी (5 दिसम्बर 1886;– 14 अक्टूबर 1969); [1]बॉलीवुड की प्रथम ध्वनि चलचित्र आलम आरा के निर्देशक थे।

व्यक्तिगत जीवन

आर्देशिर ईरानी का जन्म एक पारसी परिवार में हुआ था। महाराष्ट्र के पुणे में 5 दिसंबर, 1886 को एक पारसी परिवार में जन्मे आर्देशिर ईरानी ने प्रारंभिक शिक्षा के बाद मुंबई के जे.जे.आर्ट स्कूल में कला का अध्ययन किया। इसके बाद वह बतौर अध्यापक काम करने लगे। बाद में उन्होंने केरोसीन इंस्पेक्टर के रूप में भी कुछ दिन काम किया। यह नौकरी छोड़कर वह पिता के वाद्य यंत्रों के व्यवसाय में हाथ बंटाने लगे।

इस सिलेसिले में उनका संपर्क कई विदेशी कंपनियों से हुआ और जल्द ही वह विदेशी फिल्मों का आयात करके उन्हें प्रदर्शित करने लगे। इसी दौरान उनके काम से खुश होकर अमरीकी यूनीवर्सल कंपनी ने उन्हें पश्चिम भारत में अपना वितरक नियुक्त किया। कुछ समय के बाद ईरानी ने महसूस किया कि फिल्मी दुनिया में जगह बनाने के लिए खुद का स्टूडियो होना चाहिए। वर्ष 1914 में उन्होंने मैजेस्टिक और अलेक्जेंडर थियेटर खरीदे।

वर्ष 1920 में उन्होंने अपनी पहली मूक फिल्म 'नल दमयंती' का निर्माण किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात दादा साहब फाल्के की कंपनी 'हिंदुस्तान फिल्म्स' के पूर्व प्रबंधक भोगी लाल दवे से हुई। उन्होंने फिर उनके साथ मिलकर 'स्टार फिल्म्स' की स्थापना की। स्टार फिल्म्स के बैनर तले सबसे पहले उन्होंने फिल्म 'वीर अभिमन्यु' का निर्माण किया। फिल्म के निर्माण में उस जमाने में लगभग 10000 रुपए खर्च हुए। स्टार फिल्म्स के बैनर तले 17 फिल्मों का निर्माण करने के बाद आर्देशिर ईरानी और भोगीलाल दवे ने एक साथ काम करना बंद कर दिया।

वर्ष 1924 में आर्देशिर ईरानी ने मैजेस्टिक फिल्मस की स्थापना की। मैजेस्टिक फिल्मस के बैनर तले उन्होंने बी.पी.मिश्रा और नवल गांधी को बतौर निर्देशक काम करने का मौका दिया। स्टार फिल्म्स के रहते हुए जिस तरह उन्होंने मैजेस्टिक फिल्म्स की स्थापना की और दोनों का कार्य विभाजन किया, उससे यह स्पष्ट हो गया कि दोनों बैनरों का निर्माण उन्होंने अपनी कंपनी की संख्या बढ़ाने के लिए नहीं किया था, बल्कि किसी खास उदेश्य से किया था।

स्टार फिल्म्स के बैनर तले जहां उन्होंने पौराणिक और धार्मिक फिल्मों का निर्माण किया, वही मैजेस्टिक फिल्म्स के बैनर तले उन्होंने हॉलीवुड की शैली में ऐतिहासिक फिल्मों का निर्माण किया। मैजेस्टिक फिल्म्स के बैनर तले उन्होंने 15 फिल्मों का निर्माण किया, लेकिन बाद में कुछ कारणों से उन्होंने यह कंपनी भी बंद करनी पड़ी।

वर्ष 1925 में आर्देशिर ईरानी ने इंपीरियल फिल्म्स की स्थापना की और इसी के बैनर तले उन्होंने पहली बोलती फिल्म आलम आरा का निर्माण किया। फिल्म के निर्माण में लगभग 40 हजार रुपए खर्च हुए जो उन दिनों काफी बड़ी रकम समझी जाती थी। फिल्म की जबर्दस्त सफलता के बाद उन्होंंने इम्पीरियल फिल्मस के बैनर तले कई फिल्मों का निर्माण किया।[2]

फिल्मोग्राफी

निर्देशक के रूप में

  • 1922: वीर अभिमन्यु - मूक
  • 1924: वीर दुर्गाधर - मूक
  • 1924: पाप नहीं Fej - मौन
  • 1924: बॉम्बे नी सेठानी / शैतान का आह्वान - मूक
  • 1924: शाहजहां - मूक
  • 1925: नरसिंह डाकू - मौन
  • 1925: नवलशा हिरजी - मूक
  • 1927: बॉम्बे की जंगली बिल्ली - मूक
  • 1931: आलम आरा - फर्स्ट इंडियन टॉकी
  • 1937: "कार्लोस"

निर्माता के रूप में

  • द्रौपदी (1931)
  • शिरिन और फरहाद (1934)
  • किसान कन्या - फर्स्ट इंडियन कलर (1937)

अभिनेता के रूप में

  • फ़िरदौसी (1934)

सन्दर्भ

  1. Ardeshir Irani Archived 2012-06-13 at the वेबैक मशीन www.downmelodylane.com.
  2. "बोलती फिल्म के जनक थे आर्देशिर ईरानी". पत्रिका. मूल से 23 अक्तूबर 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अक्तूबर 2021.