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अमरगांगेय

अमरगांगेय
शाकम्भरी के राजा
शासनावधि1164 ई० – 1165 ई०
पूर्ववर्तीविग्रहराज चतुर्थ
उत्तरवर्तीपृथ्वीराज द्वितीय
राजवंशशाकम्भरी के चहमान

अमरगांगेय (राज्यकाल ११६४ ई० - ११६५ ई०) चाहमान राजवंश के एक राजा थे जिन्हें अपरगांगेय के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने वर्तमान राजस्थान सहित उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों पर शासन किया।

अमरगांगेय चाहमान राजा विग्रहराज चतुर्थ के पुत्र थे। ऐसा प्रतीत होता है कि जब वह सिंहासन पर बैठा तो अल्पवयस्क था। उसने बहुत कम समय के लिए शासन किया।[1] उनके बाद उनके चचेरे भाई पृथ्वीराज द्वितीय राजा बने , जो विग्रहराज के भाई जगद्देव के पुत्र थे। धोड़ के रूठी रानी मंदिर में पाए गए एक शिलालेख के अनुसार, पृथ्वीराज ने शकंभरी के राजा को हराया था। यह इंगित करता है कि पृथ्वीराज ने अमरगंगेय को सिंहासन से उतार दिया, और स्वयं राजा बन गए।[2] 15वीं शताब्दी के कश्मीरी इतिहासकार जोनराज के अनुसार, अमरगांगेय अविवाहित ही मर गये थे।[3]

सन्दर्भ

  1. R. B. Singh 1964, पृ॰ 153.
  2. R. B. Singh 1964, पृ॰ 154.
  3. Dasharatha Sharma 1959, पृ॰ 65.