अब्बास प्रथम
अब्बास प्रथम (फ़ारसी: شاه عباس بزرگ) ईरान के 5वाँ सफ़वी शाह (राजा) थे और इन्हें आम तौर पर फ़ारसी इतिहास और सफ़वी वंश के सबसे महान शासकों के रूप में से एक माना जाता है। वह शाह मोहम्मद खुदाबंदा के तीसरे बेटे थे।
जीवनी
यद्यपि अब्बास ईरान की सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक शक्ति के शीर्ष की अध्यक्षता किये लेकिन वह सफ़वी साम्राज्य के लिए कठिन समय के दौरान सिंहासन पर आए थे। अपने कमजोर इरादों वाले पिता के राज में देश सेना के विभिन्न गुटों के बीच कलह से ग्रस्त था, जिसने अब्बास की माँ और बड़े भाई को मार डाला था। इस बीच, ईरान के दुश्मन उस्मानी साम्राज्य और उज़्बेक ने इस राजनीतिक अराजकता का फायदा उठाते हुए कई क्षेत्रों पे कब्ज़ा कर लिया। 1588 में, क़ज़िलबश सेना के नेताओं में से एक, मुर्शिद क़ोली ख़ान ने एक तख्तापलट में शाह मोहम्मद को हटा दिया और 16 वर्षीय अब्बास को सिंहासन पर बिठाया।[1][2] लेकिन अब्बास कोई कठपुतली नहीं था और जल्द ही उसने अपने लिए सत्ता छीन ली।
उनके नेतृत्व में ईरान ने ग़ुलाम प्रणाली विकसित की जहां हजारों सर्कसियन, जॉर्जियाई और आर्मीनियाई दास-सैनिक नागरिक प्रशासन और सेना में शामिल हो गए। ईरानी समाज में इन नव निर्मित परतों की मदद से (उनके पूर्ववर्तियों द्वारा शुरू की गई प्रणाली लेकिन उनके शासन के दौरान काफी विस्तार किया गया) अब्बास नागरिक प्रशासन, शाही घराने और सेना में क़ज़िलबश की शक्ति को रोकने में कामयाब रहे।[3][4] इन कार्रवाइयों के साथ ही ईरानी सेना के उनके सुधारों ने उन्हें उस्मानी साम्राज्य और उज़बेकों से लड़ने के लिए सक्षम किया।
इससे ईरान के खोए हुए प्रांतों को फिर से वापस लेने में सहायता मिली। 1603-1618 के उस्मानी युद्ध के अंत तक अब्बास ने ट्रांसकेशिया और दागेस्तान पर कब्जा कर लिया था। साथ ही साथ पूर्वी अनातोलिया और मेसोपोटामिया के जिलों पर कब्जा कर लिया था जो 1555 में खो गए थे। उन्होंने पुर्तगाली और मुगलों से भी भूमि वापस ले ली और दागेस्तान के पारंपरिक क्षेत्रों से परे उत्तरी काकेशस में ईरानी शासन और प्रभाव का विस्तार किया। अब्बास एक महान इमारत निर्माता थे और अपने राज्य की राजधानी कज़्वीन से इस्फ़हान तक ले गए।
सन्दर्भ
- ↑ Blow 2009, पृष्ठ 29
- ↑ Bomati & Nahavandi 1998, पृष्ठ 35
- ↑ Roemer 1986, पृष्ठ 265
- ↑ Savory 1983[]