अब्दुल क़ादिर बदायूंनी
मुल्ला अब्द-उल-कादिर बदायुनी (१५४० - १६१५) एक फारसी मूल के भारतीय इतिहासकार एवं अनुवादक रहे थे। ये मुगल काल में भारत में सक्रिय थे।[1] ये मुलुक शाह के पुत्र थे।[2]. बचपन में ये बसावर में रहे और शिक्षा संभल एवं आगरा में ली।[1] बाद में ये बदायुं आ गये और १५६२ में में पटियाला के राजकुमार हुसैन खान के अंतर्गत्त कार्यरत रहे।[1] बाद के वर्षों में इन्होंने सूफीवाद का अध्ययन किया। अकबर ने इन्हें अपने दर्बार में १५७४ में इस्लामधर्म के अधिकारी और सलाहकार रूप में नियुक्त किया था, जहां इन्होंने अपने जीवन के बहुत से वर्ष व्यतीत किये।[1]
इन्हे अकबर का विरोधक भी माना जाता है!