अनुच्छेद 322 (भारत का संविधान)
निम्न विषय पर आधारित एक शृंखला का हिस्सा |
भारत का संविधान |
---|
उद्देशिका |
अनुच्छेद 322 (भारत का संविधान) | |
---|---|
मूल पुस्तक | भारत का संविधान |
लेखक | भारतीय संविधान सभा |
देश | भारत |
भाग | भाग 14 |
प्रकाशन तिथि | 1949 |
पूर्ववर्ती | अनुच्छेद 321 (भारत का संविधान) |
उत्तरवर्ती | अनुच्छेद 323 (भारत का संविधान) |
भारत के संविधान के भाग 14 में अनुच्छेद 322 को रखा गया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 322 का मुख्य विषय " लोक सेवा आयोगों के व्यय " है। [1]अनुच्छेद 322 से यह स्पष्ट होता है कि लोक सेवा आयोगों के व्यय का संचित निधि पर भारित होना चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सेवा के पदाधिकारियों को उचित वेतन और सुरक्षा प्राप्त हो सके। इसमें संघ या राज्य लोक सेवा आयोग के व्यय के बारे में विवरण है।[2]
पृष्ठभूमि
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 322 के तहत, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) या राज्य लोक सेवा आयोग के व्यय भारत की संचित निधि या राज्य की संचित निधि पर भारित होंगे।
- यह व्यय संघ या राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों और कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, और पेंशन संबंधित होता है।
- इस अनुच्छेद में संघ या राज्य लोक सेवा आयोग के व्यय का स्रोत क्रमशः भारत या राज्य के राजस्व पर लगाया जाएगा।
- यह उनकी समृद्धि और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे अपने कार्यों में निष्ठापूर्वक लगे रह सकें।[3][4]
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
भारतीय संविधान के भाग-14 में लोक सेवा आयोग के गठन के विवरण हैं। संघ लोक सेवा आयोग भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का संचालन करता है। यह आयोग राष्ट्रीय स्तर पर काम करता है और संघ के लिए लोक सेवा परीक्षाएं आयोजित करता है।
राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315-323 में राज्य लोक सेवा आयोग के गठन का विवरण दिया गया है। राज्य लोक सेवा आयोग राज्य सरकार के लोकसेवा के पदों की नियुक्ति के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। यह आयोग राज्य स्तर पर काम करता है और राज्य के लिए लोक सेवा परीक्षाएं आयोजित करता है।[5]
मूल पाठ
“ | संघ या राज्य लोक सेवा आयोग के खर्च, जिसमें आयोग के सदस्यों या कर्मचारियों को या उनके संबंध में देय कोई वेतन, भत्ते और पेंशन शामिल हैं, भारत की संचित निधि पर या जैसा भी मामला हो, लगाया जाएगा। राज्य की संचित निधि.[6] | ” |
“ | The expenses of the Union or a State Public Service Commission, including any salaries, allowances and pensions payable to or in respect of the members or staff of the Commission, shall be charged on the Consolidated Fund of India or, as the case may be, the Consolidated Fund of the State.[7] | ” |
सन्दर्भ
- ↑ "भारत का संविधान" (PDF). मूल (PDF) से 30 जून 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2024-04-20.
- ↑ "Article-322. Expenses of Public Service Commissions. | UPSC". upsc.gov.in. अभिगमन तिथि 2024-04-20.
- ↑ "Article 322: Expenses of Public Service Commissions". Constitution of India (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-04-20.
- ↑ "भारत के संविधान के अनुच्छेद 322". Indian Kanoon. अभिगमन तिथि 2024-04-20.
- ↑ ":: Drishti IAS Coaching in Delhi, Online IAS Test Series & Study Material". www.drishtiias.com. अभिगमन तिथि 2024-04-20.
- ↑ (संपा॰) प्रसाद, राजेन्द्र (1957). भारत का संविधान. पृ॰ 174 – वाया विकिस्रोत. [स्कैन ]
- ↑ (संपा॰) प्रसाद, राजेन्द्र (1957). भारत का संविधान. पृ॰ 174 – वाया विकिस्रोत. [स्कैन ]