अधातु
अधातु (non-metals) रासायनिक वर्गीकरण में प्रयुक्त होने वाला एक शब्द है। आवर्त सारणी का प्रत्येक तत्त्व अपने रासायनिक और भौतिक गुणों के आधार पर धातु अथवा अधातु श्रेणी में वर्गीकृत किया जा सकता है। (कुछ तत्त्व जिनमें दोनों के गुण पाये जाते हैं उन्हें उपधातु (metaloid) की श्रेणी में रखा जाता है।) आवर्त सारणी में ये 14वें (XIV) से लेकर १८वें (XVIII) समूह में दाहिने-ऊपरी कोने में स्थित हैं। इसके अलावा प्रथम समूह में सबसे ऊपर स्थित उदजन भी अधातु है। हाइड्रोजन के अलावा जारक, प्रांगार, भूयाति, गंधक, भास्वर, हैलोजन, तथा अक्रिय गैसें अधातु मानी जाती हैं।
प्रायः आवर्त सारणी के केवल 22 तत्त्व अधातु की श्रेणी में गिने जाते हैं जबकि धातु की श्रेणी में 92 तत्त्व आते हैं। फिर भी पृथ्वी के गर्भ का, वायुमण्डल और जलमण्डल का अधिकांश भाग अधातुएँ ही हैं। जीवों की संरचना में भी अधातुओं का ही अधिकांशता है।
गुण
वैसे 'अधातु' की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है। फिर भी मोटे तौर पर अधातुओं के निम्नलिखित गुण हैं-
- धातुओं की तुलना में कम विद्युत चालकता
- धातुओं की तुलना में कम ऊष्मा चालकता
- अधातुएँ अम्लीय आक्साइड बनाती हैं। (जबकि धातुएँ क्षारीय आक्साइड बनाती हैं।)
- जो अधातुएँ ठोस हैं, वे भी भंगुर (ब्रिटल) और चमकहीन होती हैं।
- अधातुओं का घनत्व कम होता है।
- अधातुओं का क्वथनांक और गलनांक धातुओं से काफी कम होता है।
- अधातुओं की एलेक्ट्रान बंधुता सर्वाधिक होती है (अक्रिय गैसें अपवाद हैं।)।