गणित में, अतिपरवलयिक फलन (hyperbolic functions) ऐसे फलन हैं जो सामान्य त्रिकोणमितीय फलनों से मिलते-जुलते किन्तु अलग फलन हैं।
हाइपरबोलिक साइन "sinh" ( या ),[1] और हाइपरबोलिक कोसाइन "cosh" (),[2] मूलभूत अतिपरवलयिक फलन हैं। इनसे हाइपरबोलिक टैन्जेन्ट "tanh" ( या ),[3]हाइपरबोलिक कोसेकेन्ट "csch" या "cosech" ([2] या ), हाइपरबोलिक सेकेन्ट "sech" ( या ),[4] तथा हाइपरबोलिक कोटैन्जेन्ट "coth" ( या ),[5][6] व्युत्पन्न हुए हैं।
परिभाषा
अतिपरवलयिक फलनों को कई तरह से पारिभाषित किया जाता है। एक विधि इनको इक्सपोनेन्शियल फलन के फलन के रूप में परिभाषित करती है-
Hyperbolic sine:
Hyperbolic cosine:
Hyperbolic tangent:
Hyperbolic cotangent:
Hyperbolic secant:
Hyperbolic cosecant:
हाइपरबोलिक फलनों को अवकल समीकरणों के हल के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है। हाइपरबोलिक साइन और हाइपरबोलिक कोसाइन निम्नलिखित तन्त्र के अनन्य हल (s, c) हैं-
such that s(0) = 0 and c(0) = 1.
ये फलन निमनलिखित समीकरण के अन्न्य हल भी हैं- such that for the hyperbolic cosine, and for the hyperbolic sine.
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