अग्रस्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का आगे का भाग सक्रिय रहता है, उन्हें ‘अग्र स्वर’ कहते हैं। जैसे– इ ई, ए, ऐ।[1]
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अक्तूबर 2018.
जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का आगे का भाग सक्रिय रहता है, उन्हें ‘अग्र स्वर’ कहते हैं। जैसे– इ ई, ए, ऐ।[1]