अंधा साँप
अंधा साँप देखने में केंचुए जैसा लगता है लेकिन इसका रंग अधिक गहरा होता है और सारे शरीर पर कोरछादी शक्ल बने होते हैं। इसकी लंबाई १६० और १७०० मि.मी. के बीच होती है। प्राय यह सड़े-गले कूड़े-कचरों के गड्ढों में मिलता है। इसमें विष नहीं होता। ये सर्प प्राय अंडे देने वाले होते हैं।
अंधे साँप की पूँछ का सिरा कुंद होता है तथा उसके अंत में एक छोटा बिंदु सा बना रहता है। नर्म मिट्टी में तेजी से बिल बनाने की इनकी दक्षता अपूर्व होती है। इनकी चाल भी धीमी होती है। अधिकतर अंधे सांप अपनी पूँछ का काँटा गड़ाकर झटका लेते हुए आगे बढ़ते हैं। अक्सर ये अपने मुँह को खोलते और बंद करते रहते हैं जिससे ऐसा जान पड़ता है कि ये आक्रमण को आतुर हैं।
इन साँपो का अहारा मुख्यत: नर्म शरीर वाले कीड़े और उनके लार्वे हैं। महेंद्र, मुखर्जी एवं दास जैसे सर्प विशेषज्ञों ने कहा है कि इन साँपों में भित्तिकास्थि युग्मित होती है और इन साँपों के सिर के ऊपर बड़े राष्ट्रमी, नासीय तथा नेत्र पूर्वी विशक्ल होते हैं। इनकी देह पर तैल ग्रंथियाँ बनी होती हैं।
टिफ़लॉप्स पेड़ों की नीची जगहों में यह अक्सर पाया जाता है इसी से जंतु विज्ञान में इसका नाम टिफ़लॉप्स ब्रैमिनस पड़ा। यह साँप ऊष्ण कटिबंधीय तथा उपोष्ण कटिबंधीय प्रदेशों में भी पाया जाता है।
बाहरी कड़ियाँ
- Image of Ramphotyphlops braminus[मृत कड़ियाँ] at the Institute of Toxicology and Genetics. Accessed 30 अगस्त 2007.
- Ramphotyphlops braminus at Snakes of Japan. Accessed 30 अगस्त 2007.
- Ramphotyphlops braminus at WildHerps.com. Accessed 30 अगस्त 2007.